करसोग:इंदिरा गांधी के जमाने के कांग्रेस नेता मनसा राम की विरासत को अब उनके बेटे महेशराज संभालेंगे. दशकों तक हिमाचल की राजनीति में कदावर नेता रहे मनसा राम सबसे पहले वर्ष 1967 में करसोग विधानसभा क्षेत्र से पहली बार निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद 1972 में कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ा और हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के मंत्रिमंडल में पहली बार मंत्री बने.
इसके बाद 1977 में मनसा राम को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 1982 में मनसा राम फिर से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे. उस दौरान वे रामलाल की सरकार में मंत्री बने. वहीं 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी का दामन थामा व पार्टी टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल कर भाजपा को समर्थन देकर प्रेम कुमार धूमल की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. इसके बाद वर्ष 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की और वीरभद्र सरकार में सीपीएस के रूप में कार्य किया. ऐसे में अपने 55 साल के राजनीतिक सफर में पूर्व मंत्री ने कई उतार चढ़ाव भी देखे हैं. अब मनसा राम काफी वृद्ध हो चुके हैं. यहां सोमवार को उन्होंने अपना 81वां जन्मदिन मनाया.