करसोग:शिक्षा के क्षेत्र में चमकदार आंकड़ों और उपलब्धियों का दम भरने वाले हिमाचल की पोल मंडी जिले के करसोग विधानसभा क्षेत्र (Karsog Assembly Constituency) में खुल रही है. प्रदेश सरकार भले ही सरकारी सेक्टर में मजबूत शिक्षा ढांचे (strong education framework) होने का दावा करती हो, लेकिन हकीकत में इसकी तस्वीर धुंधली है. इसका बड़ा उदाहरण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी (Home District of Cm Jairam) के करसोग विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला है, जहां पर शिक्षा विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली से 50 नौनिहाल स्कूल भवन (School Building) न होने से खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर है.
करसोग मुख्यालय (Karsog Headquarter) से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर राजकीय प्राथमिक पाठशाला सरकोल (Government Primary School Sarkol) का पुराना भवन जर्जर हालत में होने की वजह से असुरक्षित घोषित कर वर्ष 2019 में गिरा दिया गया था. जिसके बाद शिक्षा विभाग (Education Department) ने फरवरी 2020 में नए भवन की नींव रखी, लेकिन दो साल बीतने को हो रहे हैं. अभी तक बच्चों को शिक्षा मंदिर में चार दीवारी तक नसीब नहीं हुई है. भवन के नाम पर दो सालों में अभी तक सिर्फ लेंटर ही पड़ा है, जिसमें अब तक सरकार 6.30 खर्च कर चुकी है.
हैरानी की बात है कि देश का भविष्य कहलाए जाने वाले इन नौनिहालों की कोई सुध नही ले रहा है. हालांकि अभी पहली से पांचवी तक के 40 बच्चे स्कूल आ रहे है, जबकि 10 नौनिहाल नर्सरी केजी में पड़ रहे हैं. जो अभी स्कूल नहीं आ रहे हैं. यही नहीं इन 50 बच्चों का भविष्य संवारने का जिम्मा मात्र एक शिक्षक के सहारे है. स्थानीय जनता अधूरे पड़े भवन का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (Block Primary Education Officer) करसोग वन कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.