हमीरपुर: शहर में विकास की गति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 8 जनवरी को आयोजित नगर परिषद हमीरपुर की मासिक बैठक की प्रोसिडिंग 21 दिन बीत जाने के बावजूद नहीं लिखी जा सकी है. इस मासिक बैठक में (Monthly meeting of MC Hamirpur) जितने भी प्रस्ताव पारित किए गए थे, वह अभी तक आधिकारिक रूप से कागजी कार्रवाई में नहीं चढ़ सके हैं. कायदे से मासिक बैठक की प्रोसिडिंग लिखकर इस पर अध्यक्ष और कार्यकारी अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं और तमाम निर्णय को लागू किया जाता है. नगर परिषद के मासिक बैठक की प्रोसीडिंग लिखना ही टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. ऐसे में लिए गए निर्णय कब तक और कितना लागू होंगे, यह कहना तो बेमानी ही होगा.
अब सोमवार तक इस प्रोसिडिंग को पूरा लिखे जाने की संभावना जताई जा रही है और तब तक मासिक बैठक को (Monthly meeting of MC Hamirpur) लगभग 23 दिन बीत जाएंगे. नगर परिषद हमीरपुर के पदाधिकारियों का तर्क है कि स्टाफ की कमी के वजह से (Staff shortage in MC Hamirpur) कार्य धीमी गति से हो रहा है. स्टाफ की कमी के तर्क को यदि मान भी लिया जाए, तब भी मासिक बैठक की प्रोसिडिंग को लिखने में इतनी देरी कहां तक बाजिव है. 8 से 10 दिन बाद अगली मासिक बैठक का समय होने वाला है. ऐसे में पिछली बैठक की प्रोसिडिंग न लिखा जाना नगर परिषद हमीरपुर के अधिकारियों और पदाधिकारियों की प्राथमिकता को दर्शाता है.
हाउस में कंपनी को भुगतान करने का लिया गया था निर्णय: 8 जनवरी को आयोजित नगर परिषद के हाउस में स्ट्रीट लाइट का कार्य देख रही कंपनी को 15 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्णय लिया गया था. जिसके बाद नगर परिषद की तरफ से सशर्त यह निर्णय लिया गया था कि जल्द ही कंपनी को 15 लाख की बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. इसके साथ ही शहर में बीपीएल परिवारों के चयन को लेकर भी पार्षदों द्वारा सवाल उठाए गए थे और यह निर्णय लिया गया था कि नए सिरे से बीपीएल परिवारों का सर्वे होगा. निर्णय तो काफी जोश में लिए गए, लेकिन इसे लागू करना तो दूर की बात, 21 दिन बाद भी मासिक बैठक की प्रोसिडिंग नहीं लिखी जा सकी है.
विधायक ने की थी तारीफ: 8 जनवरी को आयोजित मासिक बैठक में नगर परिषद हमीरपुर के पदाधिकारियों के अलावा विधायक नरेंद्र ठाकुर भी मौजूद थे. उन्होंने स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था दुरुस्त न होने पर कंपनी के कर्मचारियों को खूब हड़काया भी था. बैठक के बाद विधायक ने नगर परिषद के पदाधिकारियों की खूब तारीफ की थी और यह कहा था कि पिछले 2 साल से नगर परिषद सराहनीय कार्य कर रही है. विधायक के तारीफ के बोल भी अब नगर परिषद की कारगुजारी पर बेमानी ही साबित हो रहे हैं.