हमीरपुर: देशभर में शहरों से निकलने वाले कचरे के निपटारे के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, ताकि घरों से निकलने वाले कूड़े के साथ-साथ शहर की गलियों और सड़कों को भी साफ रखा जा सके. इस कड़ी में हमीरपुर शहर में भी डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन और शहर की सड़कों को साफ रखने की व्यवस्था है. लेकिन नगर परिषद की इस सुविधा से लोग संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.
हमीरपुर में करीब तीन साल पहले साल 2018 में डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन सुविधा की शुरुआत हुई थी. हमीरपुर शहर नगर परिषद के 11 वार्डों में बंटा हैं, जहां तकरीबन आठ हजार परिवार रहते हैं. इन 11 वार्डों में घरों से कूड़ा उठाने के लिए 117 कर्मचारी और 22 लाइट मोटर व्हीकल हैं. जो इस शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी निभाते हैं. इसके बावजूद शहर के कुछ हिस्सों में रह रहे परिवारों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
शहर की सफाई व्यवस्था से लोग नाखुश
शहर के वार्ड नंबर तीन में रहने वाली राजेश्वरी बन्याल कहना है कि वे नगर परिषद की सफाई व्यवस्था संतुष्ट नही हैं. वहीं, योगराज का कहना है कि घरों से कूड़ा उठाने के लिए लोग नगर परिषद को शुल्क के रूप में 60 रुपये का भुगतान करते हैं इसके बावजदू लोगों को सुविधा का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है. इतना ही नहीं, सफाई कर्मचारी सिर्फ शहर की मुख्य सड़कों पर ही झाड़ू लगाते हैं. गलियों में महीने में एक दो बार ही झाड़ू लगाने के लिए आते हैं.
सफाई कर्मचारियों नहीं मिल रहा वेतन