चंबा: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में सर्दी ने दस्तक दे दी है, जिसके चलते क्षेत्र के बागवानों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. दरअसल सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में वूली एफिड नामक बीमारी से बागवानों के बगीचों को नुकसान हो रहा है.
वूली एफिड बीमारी रुई की तरह होती है और सेब के पेड़ों की जड़ों में सबसे पहले पैदा होती है. ये बीमारी धीरे-धीरे पूरे पेड़ को अपनी आगोश में ले लेती है और पेड़ को सुखाने का कम करती है.
बता दें कि चंबा जिला के डलहौजी, सलूणी और तीसा में सबसे अधिक सेब के बगीचे हैं, जहां बागवान सेब की फसल पैदा करके अपना भरन पोषण करते हैं.
बागवानों ने बताया कि सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में बुली एफार्ड बीमारी से सेब के पेड़ों को नुकसान हो रहा है. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि पहाड़ी इलाकों में उद्यान विभाग के कर्मचारी और अधिकारी द्वारा उक्त बीमारी के बारे में जागरुक करने के लिए कैंप का आयोजन किया जाए.