बिलासपुर: जिला के लोगों को सीवरेज की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन जोरशोर से कार्य कर रहा है. पिछले वर्ष विदेशों से आए विशेषज्ञों ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए सर्वे किया था. विभाग ने इसकी डीपीआर तैयार कर ली है. बिलासपुर में दो जगह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं.
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डीपीआर तैयार
इन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 51 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की गई है. इससे पहले यह राशि कम थी. पहले इस योजना के लिए 46 करोड़ रुपये की राशि तय हुई थी लेकिन अब यह राशि बढ़कर 51 करोड़ हो गई है. आने वाले दिनों में विभाग की बैठक में इस कार्य को जल्द शुरू करवाने पर चर्चा की जाएगी.
केंद्रीय एजेंसी फ्रेंचाइजी डि-डेवलपमेंट एएफडी को डीपीआर किया प्रेषित
बिलासपुर में धक्के से चल रहे सीवरेज सिस्टम को आधुनिक सिस्टम में बदलने के लिए विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. जल शक्ति विभाग की ओर से इस योजना को पूरा करने के लिए 51 करोड़ की डीपीआर तैयार कर फंडिंग के लिए केंद्रीय एजेंसी फ्रेंचाइजी डि-डेवलपमेंट एएफडी को प्रेषित की गई है. एएफडी की ओर से डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद ही इसका कार्य शुरू होगा. वहीं, शहर की पुरानी सीवरेज प्रणाली को बदला जाएगा.
जमीन को लेकर बीबीएमबी में नहीं मिली मंजूरी
इसके तहत लखनपुर और लुहणू खैरियां में ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे. बीबीएमबी की ओर से लुहणू खैरियां में ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए एनओसी दे दी गई है. जानकारी के मुताबिक 2010-11 में बिलासपुर शहर की सीवरेज प्रणाली को बदलने के लिए 22 करोड़ का बजट मंजूर हुआ था. हालांकि, शुरुआती दौर में कवायद भी शुरू की गई, लेकिन लुहणू के समीप खैरियां में बीबीएमबी की जमीन पर प्रस्तावित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की मंजूरी नहीं मिलने की वजह से यह महत्वाकांक्षी योजना लटक गई थी.
विधायक ने बीबीएमबी के अधिकारियों से की बात
जल शक्ति विभाग ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन की तरफ से भी लगातार बीबीएमबी के साथ पत्राचार किया जाता रहा, इसके बावजूद बात नहीं बनी. सदर बिलासपुर के विधायक सुभाष ठाकुर ने बीबीएमबी के अधिकारियों से बात कर उनके सामने इस योजना को रखा था और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए जमीन के लिए एनओसी देने का आग्रह किया था. इसके बाद इसके लिए स्वीकृति मिली थी.
डीपीआर के लिए एएफडी से स्वीकृति मिलने का इंतजार
अब विभाग इन प्रोजेक्टों की डीपीआर के लिए एएफडी से स्वीकृति मिलने का इंतजार कर रहा है. स्वीकृति मिलते ही सर्वेक्षण कार्य करवाने के बाद निर्माण के लिए टेंडर कॉल किए जाएंगे. बता दें कि इस योजना के तहत शहर में आधुनिक सीवरेज सिस्टम स्थापित किया जाएगा और खैरियां में चार बीघा और लखनपुर में तीन बीघा जमीन पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे. वहीं, गोविंद सागर झील में पहुंचने वाली शहर की गंदगी से भी निजात मिलेगी.
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