यमुनानगर: हरियाणा में मानसून की शुरुआत हो चुकी (Monsoon session in Yamunanagar) है. मानसून आते ही जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिलती है, तो दूसरी ओर मानसून तबाही का मंजर भी दिखाता है. कुछ ऐसा ही हाल यमुनानगर क्षेत्र का भी है, जहां यमुना में बाढ़ के कारण आसपास के सटे इलाके प्रभावित होते (Flood in yamunanagar) हैं. आलम यह हो जाता है कि बाढ़ का पानी गांव और घरों में भी घुसने लगता है. वहीं शहर के अधिकांश इलाकों में भी घर में पानी चला जाता है, जिससे लोगों को भारी नुकसान भी होता है. इसी को लेकर उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने सोमवार को नगर निगम व पब्लिक हेल्थ अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.
यमुनानगर में उपायुक्त ने किया जलभराव वाले इलाकों का दौरा, अधिकारियों के दिए ये निर्देश
यमुना में बाढ़ के कारण आसपास के सटे इलाके प्रभावित होते (Flood in yamunanagar) हैं. आलम यह हो जाता है कि बाढ़ का पानी गांव और घरों में भी घुसने लगता है. वहीं शहर के अधिकांश इलाकों में भी घर में पानी चला जाता है जिससे लोगों को (waterlogging in yamunanagar) भारी नुकसान भी होता है.
बता दें कि यमुनानगर के विभिन्न इलाकों से कई नाले गुजरते (Waterlogging problem in Yamunanagar) हैं. बरसात के दिनों में यह नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं और पानी लोगों के घरों में घुसने लगता है. लोगों का कहना है कि बारिश का पानी घरों में जाने से उन्हें हर साल भारी नुकसान होता है. क्षेत्रवासियों ने बताया कि यहां बारिश के दिनों में सफाई के प्रबंध नहीं किए जाते हैं. नगर निगम (Yamunanagar Municipal Corporation) व पब्लिक हेल्थ के कर्मचारियों ने पिछले कुछ दिनों से इन नालों की सफाई का अभियान शुरू किया है. यमुनानगर में ऐसे 15 स्थान हैं जहां हर साल जलभराव होता है.
यमुनानगर के उपायुक्त पार्थ गुप्ता, नगर निगम के कमिश्नर आयुष सिन्हा सहित कई अधिकारियों ने इन इलाकों का दौरा किया. उन्होंने मानसून से पहले इन सभी इलाकों में नालों की सफाई के निर्देश दिए हैं. उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि यमुनानगर जिला में 30 जून तक मानसून के आने से पहले कार्य पूरे किए जाने हैं. जिनमें से 15 कार्य में से 14 कार्य पूरे कर लिए गए हैं. उन्होंने बताया कि जलभराव की स्थिति ना हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई (waterlogging in yamunanagar) है. वहीं नगर निगम के कमिश्नर आयुष सिन्हा ने बताया कि यमुनानगर जिला में 91 किलोमीटर नाले की सफाई होनी है, जबकि 15 स्थानों के लिए पानी निकासी हेतु विशेष व्यवस्था की गई है.