यमुनानगर: कोर्ट ने इस मामले में विधानसभा सेक्रेटरी को तलब किया है. उन्हें अगली सुनवाई पर पूरे रिकॉर्ड के साथ पेश होने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं. सुनवाई करते हुए एडिशनल सेशन जज डॉ. आब्दुल माजिद की कोर्ट ने कहा कि यह बड़ा मामला है. अगली सुनवाई पर विस सेक्रेटरी को खुद पेश होना होगा.
सरकारी खजाने से भरा गया विधायकों का इनकम टैक्स. कोर्ट ने पूछे सवाल
बता दें कि याचिकाकर्ता ने बताया कि सरकार ने पूर्व और मौजूदा विधायकों का इनकम टैक्स खुद भरा है. इससे करीब 2.87 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि अगर पूर्व और मौजूदा विधायकों के वेतन से इनकम टैक्स नहीं लिया गया तो उनसे कितना इनकम टैक्स लेना बनता है. अगर अब लिया जा रहा है तो अब तक कितनी वसूली हो चुकी है. इनकम टैक्स न लेने का जिम्मेदार कौन है. जो इनकम टैक्स रिकवर किया जाना है वह कितना बनता है.
कुल 140 विधायकों का भरा गया टैक्स
एडवोकेट जीडी गुप्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि कुल 140 विधायक हैं जिनमें से पहले मंत्री या मुख्यमंत्री भी रहे हैं और उनके खिलाफ 2 करोड़ 87 लाख 62 हजार 419 रु खड़े हैं. इनमें मुख्य भूपेंद्र सिंह हुड्डा, घनश्याम दास अरोड़ा, श्याम सिंह राणा, सुभाष बराला और भी काफी बड़ी हस्ती हैं.
जीडी गुप्ता ने बताया 2017 में मेरे नोटिस में आया कि हरियाणा सरकार विधायक व मंत्रियों की सैलरी पर इनकम टैक्स सरकारी खजाने से दे रही है. जबकि रूल रेगुलेशन यह कहते हैं कि इनकम टैक्स अपनी सैलरी में से देना चाहिए, फिर मैंने 2017 में एक जनहित याचिका दायर की. मेरी याचिका डालने के बाद 31 मार्च 2018 के बाद उन्होंने इनकम टैक्स सरकारी खजाने से देना बंद कर दिया. फिर मैंने उसके ऊपर एक सिविल अपील डाली.
पहले भी दिए गए थे सख्त आदेश
25 जुलाई 2018 को सुनवाई हुई जिसमें हरियाणा विधानसभा से जो लॉ ऑफिसर आए हुए थे वह कोर्ट के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सके. पूरे केस के बारे में कुछ भी नहीं पता था. इस पर एडीजे ने सख्त ऑर्डर पास करते हुए कहा कि वह अपना सारा रिकॉर्ड लेकर कोर्ट आए ताकि पता लगे किस-किस विधायक पर कितनी रिकवरी बनती है और कितनी रिकवरी अभी तक हो चुकी है और इसमें कौन जिम्मेदार है.
ये सब ब्यौरा कोर्ट ने मंगाया है. इसमें हरियाणा विधानसभा सेक्रेटरी को खुद मौजूद होने के लिए बोला गया और उसे कहा गया है कि अपना सारा रिकॉर्ड ब्यूरो लेकर आए. विधानसभा द्वारा जो पहले फिगर दी गई है वह 2 करोड़ 87 लाख 62 हजार 419 बनती है जो 140 विधायकों से रिकवरी करनी है.
लगभग 70% पैसा किया रिकवर- विधानसभा स्पीकर
वहीं हरियाणा विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने इस मामले पर कहा कि देखिए पहले ऐसा था कि विधायकों को पहले केवल भत्ते ही मिलते थे. उस पर जो इनकम टैक्स पे करती थी, वह सरकार करती थी. 2010 में विधायकों की तनख्वाह निश्चित कर दी गई, लेकिन इस प्रकार कानून में कोई चेंज नहीं किया. उस पर भी टैक्स विधानसभा ही देगी. जिस प्रकार से पहले इनकम टैक्स देते रहे हैं.
2016 में एक जनहित याचिका डाली उसमें यह बात सामने आई तो हमने एक निर्णय लिया कि इनकम टैक्स का जो पैसा हमने गलती से दिया गया वह पैसा दोबारा से लिया जाए. तब हमने सभी विधायकों को उसकी जानकारी दी कि सरकार ने गलती से आपका इनकम टैक्स भर दिया, वह आपसे दोबारा लिया जाएगा और उसकी एक राशि निश्चित कर दी 20 हजार रुपए प्रति महीने. जो भी विधायक हैं उनको जो भत्ते या सैलेरी मिलती है उसमें से हम यह पैसा काट लेते हैं और जिन विधायकों की पेंशन हैं उनकी पेंशन से काटते हैं. लगभग 70% पैसा हमने रिकवर कर लिया है.
वहीं अब वेतन से इनकम टैक्स न देने वाले पूर्व और मौजूदा विधायकों की दिक्कत बढ़ गई है. कोर्ट ने जनहित याचिका मंजूर करते हुए सुनवाई शुरू कर दी है. सरकार ने पूर्व और मौजूदा विधायकों का इनकम टैक्स खुद भरा है. इससे करीब 2.87 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से दिए हैं. अगली सुनवाई पर विस सेक्रेटरी को खुद पेश होना होगा.
ये बड़े नाम हैं शामिल-
- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से दो लाख 75 हजार 876 रुपए
- सीएलपी लीडर किरण चौधरी से 1 लाख 95 हजार 393 रुपए
- कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला से 1 लाख 90 हजार 858 रुपए
- हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा से दो लाख 14 हजार 866 रुपए.
- विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला से एक लाख 25 हजार 485 रुपए
- हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला से दो लाख एक हजार 89 रुपए.
- शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन से 1 लाख 42 हजार 7 रुपए.
- उद्योग मंत्री हरियाणा सरकार विपुल गोयल से 40 हजार 255 रुपए.
- ज्ञान चंद गुप्ता से दो लाख 996 रुपए.
- स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से 1 लाख 41 हजार 209 रुपए.
- परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार से 1 लाख 73 हजार 127 रुपए.
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक कुलदीप बिश्नोई से 1 लाख 96 हजार 493 रुपए.
- बीजेपी विधायक असीम गोयल से दो लाख 272 रुपए.
- पूर्व मुख्य संसदीय सचिव बख्शीश सिंह विर्क से दो लाख 41 हजार 303 रुपए.
- बीजेपी विधायक घनश्याम दास अरोड़ा से 1 लाख 92 हजार 293 रुपए.
- पूर्व मुख्य संसदीय सचिव श्याम सिंह राणा से दो लाख 35 हजार 500 रुपए.