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यमुनानगर में निर्माणाधीन पुल के पास अवैध खनन, पुल की मजबूती पर उठे रहे सवाल

यमुनानगर में निर्माणाधीन पुल के पास अवैध तरीके से हो रहे खनन को लेकर पुल की मजबूती पर सवाल खड़े होने (illegal mining in yamunanagar) लगे हैं. शिकायतकर्ता ने बताया कि अधिकारियों से शिकायत के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.

Mining on bridge in Yamunanagar
Mining on bridge in Yamunanagar

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Published : Nov 6, 2022, 3:20 PM IST

यमुनानगर:यमुनानगर में उत्तरप्रदेश और हरियाणा को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा पुल काफी चर्चा में है. बताया यह भी जा रहा है कि पुल से महज कुछ ही मीटर दोनों तरफ नदी में माइनिंग कंपनियां लगातार खनन के काम को अंजाम दे रही (illegal mining in yamunanagar) हैं. आरोप है कि खनन को लेकर कई बार शिकायतें भी दी जा चुकी है, लेकिन अभीतक इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

यमुनानगर में निर्माणाधीन पुल पर खनन

हालांकि दो खनन एजेंसियों के लाइसेंस रद्द करने की मांग भी की जा चुकी है. बावजूद इसके अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हरियाणा के यमुनानगर में जठलाना (Under construction bridge in Jathlana Yamunanagar) के पास उत्तरप्रदेश और हरियाणा को जोड़ने के लिए यमुना नदी पर 100 करोड़ से भी ज्यादा लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन एक तरफ तो पुल का निर्माण कार्य चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अवैध खनन होने से पुल की मजबूती पर भी सवाल खड़े हो रहे (Mining on bridge in Yamunanagar) हैं.

कई बार समाजसेवियों ने इसकी शिकायत उच्च स्तर के अधिकारियों तक भी पहुंचाई लेकिन कागजाती कार्रवाई के अलावा जमीनी स्तर पर कुछ बदलाव नहीं हुआ. शिकायतकर्ता वरयाम सिंह ने बताया कि यहां पर दिन रात खनन एजेंसियां अपने काम में लगी हुई हैं. यहां तक की विभाग भी मान चुका है कि यहां खनन गलत तरीके से हो रहा है जिसके चलते विभाग ने अधिकारियों को इस बारे में पत्र भी लिखा.

यमुनानगर में अवैध खनन

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लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजाती खानापूर्ति हुई. वहीं उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि यहां खनन की गतिविधियां बंद करवाई जाए. जिससे पुल को बचाया जा सके. वहीं जब इस बारे में जिला उपायुक्त से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि यदि पुल के पास अवैध तरीके से खनन की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है और पुल के बनने से पहले ही इस तरह का काम हो रहा है तो वहां उचित कार्रवाई निष्पक्ष तरीके से अमल में लाई जाएगी.

बता दें कि यमुनानगर में अंग्रेजों के समय का बना ताजेवाला बैराज भी खनन की भेंट चढ़ा (Mining at Tajewala Barrage in Yamunanagar) था. इसके अलावा हथिनीकुंड बैराज को भी खनन की वजह से काफी क्षति पहुंची थी. लेकिन अब फिर जठलाना में इसी तरह का काम हो रहा है. देखना होगा प्रशासन इस पुल की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाता है या फिर अधिकारियों की मिलीभगत से इसी तरह खनन का काला कारोबार लगातार जारी रहेगा.

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