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कोरोना वायरस के चलते पोल्ट्री उद्योग पर भी छाए संकट के बादल

कोरोना वायरस के चलते पोल्ट्री उद्योग पर संकट के बादल छाए हुए हैं जिसकी वजह से पोल्ट्री मालिकों को काफी नुकसान हो रहा है. पोल्ट्री मालिकों ने सरकार से अंडे को मिड डे मील में शामिल करने मांग की है. पढे़ं पूरी खबर...

corona damage to poultry industry in radaur
corona damage to poultry industry in radaur

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Published : Mar 13, 2020, 6:51 PM IST

यमुनानगर: कोरोना वायरस की दहशत की वजह से लोगों का अंडे और चिकन की तरफ रुझान कम हो गया है. जिसके चलते पोल्ट्री व्यवसाय पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. पोल्ट्री फार्म मालिकों का कहना है कि इस वक्त अंडे का खर्च निकलना भी मुश्किल हो रहा, हालत ऐसे हैं कि अब हर दिन पोल्ट्री मालिकों को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है.

कोरोना से सस्ता पोल्ट्री उद्योग

रादौर के गांव बापोली में पोल्ट्री फार्म व्यवसाय से जुड़े दलबीर सांगवान का कहना है कि मालिक को अंडा का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा. जो अंडा चार रुपये था, वो आज ढाई रुपये रह गया है. चिकन जो 70 से 80 रुपये किलो था अब वो 20-30 रुपये प्रतिकिलो पर सिमट गया है. कोई भी खाने को तैयार नहीं है.

कोरोना वायरस के चलते पोल्ट्री उद्योग पर भी छाए संकट के बादल.

इस नुकसान का सबसे बड़ा कारण कोरोना वायरस है. पहले पोल्ट्री व्यवसाय में उनको रॉ मटेरियल की वजह से नुकसान हो रहा था और अब कोरोना वायरस से एक लाख बर्ड के पोल्ट्री फार्म के मालिक को प्रतिदिन के हिसाब से एक लाख 30 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है.

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साथ ही सरकार से मांग करते हुए पोल्ट्री मालिक ने कहा कि सरकार अंडे का एमएसपी तय करें और तथा मिड डे मील योजना में भी अंडे का सेवन शामिल करे तभी पोल्ट्री व्यवसाय को बचाया जा सकता है.

भारत में कोरोना का असर

बता दें कि इस समय कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया डर में है. भारत में भी करीब 74 मरीज कोरोना वायरस से पीड़ित हैं. वहीं एक मरीज की मौत भी चुकी है. कोरोना वायरस की वजह से देश के साथ पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था भी चौपट हो गई है.

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