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300 करोड़ का राइस घोटाला: यमुनानगर में सभी मिल सीज, हर गतिविधि पर विभाग की नजर

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Published : Nov 19, 2019, 8:21 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 8:53 PM IST

300 करोड़ का चावल घोटाला उजागर होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. रात से ही राइस सेलर्स में डिलीवरी बंद कर दी गई है. जिले भर के सभी मिलों पर निगरानी के लिए विभाग की तरफ से कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है. जो वहां की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे और कोई भी गाड़ी ना तो बाहर आएगी ना ही अंदर से बाहर जाएगी.

administration took action against rice millers

यमुनानगर: 300 करोड़ का चावल घोटाला उजागर होने के बाद रात से ही राइस सेलर्स में डिलीवरी बंद कर दी गई. प्रदेश के सभी स्टॉक को सीज कर दिया गया. यमुनानगर जिले में 159 राइस मिल सेलर्स में डिलीवरी बंद कर दी गई. स्टॉक को सीज कर दिया गया.

जिसके बाद जिले भर के राइस सेलर्स में हड़कंप मच गया. हालांकि खाद्य आपूर्ति विभाग के जिला अधिकारी का कहना है कि ये केवल फिजिकल वेरिफिकेशन है. जिसके चलते डिलीवरी बंद की गई है.

प्रशासन की तरफ से की गई कार्रवाई पर संचालकों और अधिकारियों ने क्या कहा, देखिए वीडियो

निगरानी के लिए विभाग के कर्मचारी तैनात
जिले भर के सभी मिलों पर निगरानी के लिए विभाग की तरफ से कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है. जो वहां की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे और कोई भी गाड़ी ना तो बाहर से आएगी ना ही अंदर से बाहर जाएगी. जब तक वेरिफिकेशन पूरी नहीं हो जाती. वहीं राइस मिलर्स का कहना है कि रात से यहां सेक्युरिटी बैठा दी गयी है डिलीवरी बन्द कर दी गयी है पता नहीं ऐसा क्यों किया गया है.

स्टॉक में गड़बड़ी की आशंका के चलते जिले के सभी 159 राइस मिल को प्रशासन ने कस्टडी में ले लिया. स्टॉक सीज कर दिया. बाहर पहरे पर पुलिस बैठा दी गई. इस दौरान ना तो मिल मालिकों को अंदर जाने दिया गया और न ही कोई अन्य वाहन अंदर से बाहर या फिर बाहर से अंदर आने दिया गया. प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया. दस दिन तक कार्रवाई चलेगी. इस दौरान किसी तरह का व्यापार राइस मिल मालिक नहीं कर सकेंगे. इसका पुरजोर विरोध हो रहा है.

भ्रष्टाचार का शक कैसे हुआ?
खाद्य आपूर्ती विभाग के जिला अधिकारी राजेश आर्य ने बताया कि राइस मिलों को सरकार की डीएफएससी, हैफेड और वेयर हाऊस कुटाई के लिए जीरी देती है. इसके बदले में सरकार को प्रति क्विंटल जीरी पर 67 किलो के हिसाब से चावल लौटाया जाता है. इस सीजन में 7 लाख 11 हजार 422 मीट्रिक टन जीरी मिलों को दी जा चुकी है. चावल लौटाने की एवज में उन्हें निर्धारित कमीशन मिलता है. इसमें ही घपले की आशंका सरकार को है.

कुछ राइस मिलर खरीद का फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर लेते हैं. हकीकत में धान खरीदी नहीं की जाती. जहां तक सरकार को चावल लौटाने की बात है. इसकी व्यवस्था पड़ोसी राज्यों से सस्ता चावल खरीदकर कर ली जाती है. ऐसा करने से इसके अलावा कुछ राइस मिलर दूसरे प्रदेशों से सस्ता चावल खरीदकर स्टॉक पूरा कर लेते हैं. इससे वह जीरी की कुटाई करने से बच जाते हैं. इस व्यापार में वह मोटा मुनाफा कमाते हैं. इन सब आशंकाओं को देखते हुए ही सरकार ने सभी राइस मिलरों का स्टॉक सीज किया है.

शांति बनाए रखें मिलर्स: अधिकारी
जिला खाद्यपूर्ती अधिकारी राजेश आर्य ने कहा कि वेरिफिकेशन में कोई गड़बड़ी ना हो इसलिए चौकीदार की ड्यूटी लगाई गई है. चावल का स्टॉक सीज किया गया है. इसमें राइस मिलर बिल्कुल घबराएं नहीं. किसी तरह का हड़कंप नहीं मचाएं. राइस मिलर प्रशासन की कार्रवाई में सहयोग करें.

हमें कुछ बताया नहीं जा रहा क्या हो रहा है: मिलर्स
वहीं इस पूरी कार्रवाई से राइस मिल संचालक हैरान हैं. उनका कहना है कि कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. मिल संचालक विपिन गंभीर ने ईटीवी भारत को बताया कि रात को एक दम से स्टॉक सीज कर हमें कुछ मालूम नहीं क्यों किया गया. यहां सिक्युरिटी बिठा दी गयी कोई भी वाहन न अंदर आ रहे न बाहर जा रहे है.

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Last Updated : Nov 19, 2019, 8:53 PM IST

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