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सागर पहलवान हत्याकांड: ओलंपियन सुशील कुमार को कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा

दिल्ली पुलिस ने 12 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी, लेकिन रोहिणी कोर्ट ने सुशील कुमार को 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि सीन को रिक्रिएट करने के लिए सुशील कुमार की हिरासत में पूछताछ जरुरी है.

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Published : May 23, 2021, 7:54 PM IST

सागर पहलवान हत्याकांड
सागर पहलवान हत्याकांड

सोनीपत/नई दिल्ली:सागर पहलवान हत्याकांड में आरोपी रेसलर सुशील कुमार को कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 12 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी. दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि सीन को रिक्रिएट करने के लिए सुशील कुमार की हिरासत में पूछताछ जरुरी है.

इस घटना में असोदा गैंग के बदमाशों को हायर किया था. दो बदमाश शालीमार बाग से बुलाए गए थे और तीन बदमाश मॉडल टाउन से बुलाए गए थे. सोनू के यहां सुशील कुमार की पत्नी के फ्लैट का बकाया था. बकाया रकम वसूलने के लिए सुशील कुमार ने बदमाशों को बुलाया था. श्रीवास्तव ने कहा कि सुशील कुमार छत्रसाल स्टेडियम के ओएसडी के पद पर कार्यरत था. सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिय गया.उसे रिकवर करना है. पीड़ितों को जानवरों की तरह पिटाई की गई. आरोपियों ने जो कपड़े पहन रखे थे वो बरामद करने हैं. हथियार भी बरामद करने हैं. कोर्ट ने इनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था.

श्रीवास्तव ने कहा कि सुशील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका सेशंस कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कई स्थानों पर सुशील कुमार को लेकर जाना है . कोरोना के संकट में सब कुछ का पता करने में समय लगेगा इसलिए 12 दिनों की हिरासत की जरूरत है.

ये भी पढ़िए:सागर हत्याकांड: पहलवान सुशील कुमार गिरफ्तार, 18 दिन से दे रहा था पुलिस को चकमा

सुशील कुमार की ओर से वकील विक्रम सिंह जाखड़ ने कहा कि एफआईआर में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि सुशील औऱ सोनू में बकाया का विवाद था. जो दस्तावेज और मोबाइल बरामद करना है वो एक दिन का काम है. पुलिस पांच गाड़ियों को रिकवर कर चुकी है. जब सब कुछ रिकवर किया जा चुका है तो 12 दिनों की हिरासत की क्या जरुरत है. सुशील कुमार के पास जो हथियार हैं वो दिल्ली सरकार ने दे रखे हैं. सरकार कहेगी तो दो मिनट में हथियार सरेंडर हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि एफआईआर में कहा गया है कि डंडा लगने से मौत हुई. तो क्या हथियार के रुप में डंडा को रिकवर करना है.

अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि साक्ष्य देने का भार पुलिस पर है. वो भी 15 दिनों तक ही हम मांग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी आपने सरेंडर नहीं किया, पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये बताता है कि आरोपी किस तरह पुलिस को सहयोग कर रहा है.

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