हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

शराब घोटाला: शिकायत मिलने के बाद भी भूपेंद्र पर कार्रवाई नहीं करता था इंस्पेक्टर धीरेंद्र

आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर धीरेंद्र की तैनाती पहले सोनीपत में थी. करीब पांच महीने पहले उसका तबादला फतेहाबाद हो गया था. वो शराब तस्करी कर ले जा रहे ट्रकों को पास कराता था. साथ ही वो आरोपी भूपेंद्र के खिलाफ शिकायत मिलने पर भी कार्रवाई नहीं करता था.

sonipat liquor scam case update
sonipat liquor scam case update

By

Published : Jun 22, 2020, 8:04 AM IST

सोनीपत: खरखौदा शराब तस्करी के मामले में एसआईटी ने आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है. पुलिस की जांच के दौरान उसका नाम सामने आया था. आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार पर भूपेंद्र के शराब के ट्रकों को निकलवाने, कार्रवाई ना करने और शराब को उसके गोदाम में रखवाने का आरोप है. आरोपी धीरेंद्र कुमार फतेहाबाद में तैनात था. पुलिस ने आरोपी इंस्पेक्टर धीरेंद्र को अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया है.

जांच के दौरान आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार का नाम सामने आया था. जांच में सामने आया कि उसकी शराब तस्करी के आरोपी भूपेंद्र से मिलीभगत थी. धीरेंद्र की तैनाती पहले सोनीपत में थी. करीब पांच महीने पहले उसका तबादला फतेहाबाद हो गया था. वो शराब तस्करी कर ले जा रहे ट्रकों को पास कराता था. साथ ही वो आरोपी भूपेंद्र के खिलाफ शिकायत मिलने पर भी कार्रवाई नहीं करता था.

एक मामले में इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार ने भूपेंद्र को क्लीन चिट भी दे रखी है. धीरेंद्र कुमार पकड़ी गई शराब को भी भूपेंद्र के ही गोदाम में रखवा दिया करता था. एसआईटी ने धीरेंद्र को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसको दो दिन के रिमांड पर लिया गया है. आबकारी विभाग शराब तस्करी के मामले में अब तक आरोपी भूपेंद्र के सरेंडर के बाद उनके साथी सतीश भैंसरू के साथ एएसआई जयपाल को गिरफ्तार कर चुकी है. अब आबकारी विभाग से ये पहली गिरफ्तारी हुई है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़ें-शराब घोटाला: एसआईटी ने आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र को किया गिरफ्तार

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details