सोनीपत के मोहित साइकिल से 1400 किलोमीटर की यात्रा कर रालेगन सिद्धि पहुंचे. सोनीपत:बढ़ते प्रदूषण से आजकल हर इंसान प्रभावित है और इससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. हरियाणा के कुछ युवा पर्यावरण को बचाने के लिए मुहिम चलाए हुए हैं. सोनीपत के गांव लाठ निवासी मोहित भी इन्हीं में से एक हैं. मोहित ने (Sonipat youth cycle trip) साइकिल से 1400 किलोमीटर की यात्रा की है. वह सोनीपत से महाराष्ट्र के रालेगन सिद्धि पहुंचे और अन्ना हजारे ( Anna Hazare ) से मुलाकात की. यात्रा के दौरान उन्होंने पर्यावरण बचाने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचेगा तभी हम प्रदूषण से बच सकते हैं.
जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और संघर्ष करने के लिए हौसला होना चाहिए. ऐसा ही हौसला सोनीपत के गांव लाठ के रहने वाले 23 साल के मोहित में दिखाई दे रहा है. जिसने पर्यावरण को बचाने के लिए सोनीपत के हरियाणा से महाराष्ट्र तक 1400 किलोमीटर लंबी साइकिल यात्रा की. इस दौरान वे जहां भी गए उन्होंने पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया. यात्रा के दौरान मोहित को काफी संघर्ष भी करना पड़ा.(Sonipat latest news)
सोनीपत के किसान के बेटे ने साइकिल से 14 सौ किलोमीटर की यात्रा की. पढ़ें:60 साल से 'पेड़ बाबा' चला रहे हैं पर्यावरण बचाने की मुहिम, मिले कई पुरस्कार
साइकिल यात्रा के दौरान मोहित ने बहन द्वारा उसके बैग में रखे 1300 रुपए भी झज्जर की गौशाला में दान कर दिए. मोहित बताते हैं कि भारत भ्रमण के लिए निकलने के लिए उन्हें परिजनों के सामने काफी मिन्नतें करनी पड़ी. जिसके बाद परिवार उसकी यात्रा के लिए राजी हुआ. सोनीपत के लाठ गांव के रहने वाले किसान जय भगवान के घर जन्मे मोहित की उम्र लगभग 23 साल है. वह पर्यावरण को बचाने के लिए हरियाणा के ट्रीमैन देवेंद्र सूरा की टीम में काम कर रहा है.
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मोहित ने अपनी इस यात्रा का अनुभव साझा करते हुए बताया कि पर्यावरण को बचाने के लिए उसने भारत भ्रमण करने की ठानी थी. बिना किसी की मदद लिए हुए उन्होंने 1400 किलोमीटर की यात्रा लगभग 1 महीने में पूरी की. इस यात्रा के दौरान वह सीधे अन्ना हजारे के गांव पहुंचे. उन्होंने अन्ना हजारे के गांव का दौरा किया. अन्ना हजारे के गांव में किसी भी दुकान में कोई भी नशीला पदार्थ नहीं बिक रहा है. उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्हें कभी भी रात को भूखा नहीं सोना पड़ा. रात में अलग-अलग इलाकों के पर्यावरण मित्रों ने उसकी मदद की और उसे सोने की जगह भी दी.