बरोदाः हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव 3 नवंबर को होना है, उससे पहले ईटीवी भारत की टीम लगातार बरोदा विधानसभा क्षेत्र के गांवों का दौरा कर रही है, इस बार टीम ने बरोदा हल्के के गांव रिढाना का दौरा किया. जहां जनता से बेरोजगारी के मुद्दे पर बातचीत हुई. रिढाना गांव में लोग रोजगार के मुद्दे पर सरकार से काफी नाराज दिखे और उन्होंने सरकार को बेरोजगारी पर आड़े हाथों लिया.
क्या बोले रिढाना के लोग ?
ग्रामीण नरेंद्र नरवाल ने कहा कि सरकार ने कोई काम हमारे हलके में नहीं कराया है, उन्होंने अपने गांव से निकलने वाली एक सड़क का उदाहरण देते हुए बताया कि 3 साल से ये सड़क नहीं बनी है, जिसकी वजह से मुझे दो बार ट्रैक्टर के टायर बदलवाने पड़े हैं.
बरोदा उपचुनावः रिढाना गांव के लोगों की ये बात खेल मंत्री को जरूर सुननी चाहिए एक बिट्टू नाम के युवा से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उसने कहा कि मैंने कई बार ट्राई किया लेकिन कोई रोजगार नहीं मिला उसके बाद हारकर मैं खेती में लग गया और अब सरकार ने उसमें भी कोई कसर नहीं छोड़ी.
एक और ग्रामीण नरेश नरवाल से ईटीवी भारत की टीम ने जब बात की तो सरकार से काफी खफा नजर आये, उनका कहना था कि मैं 10 साल से ज्यादा से बच्चों को कबड्डी खिलवा रहा हूं मैंने चौटाला, हुड्डा से लेकर मनोहर लाल तक का राजा देखा है. लेकिन इस सरकार से अच्छी तो चौटाला की सरकार थी और हुड्डा सरकार की तो कोई बात ही नहीं. जिस वक्त प्रदेश में हुड्डा सरकार थी उस वक्त हमारे छोटे बच्चे भी कबड्डी खेलकर खुश होते थे क्योंकि उन्होंने कह दिया था कि मेडल लाओ और डीएसपी की नौकरी पाओ.
ये भी पढ़ेंः बरोदा के युवा खिलाड़ियों ने बताया किन मुद्दों पर करेंगे मतदान, देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट
रिढाना गांव को जानिए
इस गांव में करीब 6500 वोट हैं और ये सोनीपत से लगभग 80 किमी दूर है. इसके अलावा रिढाना गांव की गोहाना से 20 किमी की दूरी है. इस गांव के युवाओं का पढ़ाई के साथ-साथ खेलों पर भी ज्यादा ध्यान है. खासकर यहां के युवा कबड्डी ज्यादा खेलते हैं. और बाकी लोग कृषि पर ही निर्भर करते हैं.
बरोदा विधानसभा के 2019 चुनाव के नतीजे रिढाना गांव के बड़े मुद्दे
- बेरोजगारी
- ट्रांसपोर्ट की समस्या
- शहर से कनेक्टिविटी
- अधूरा सड़क निर्माण कार्य
- शिक्षा
- खेल नीति
बरोदा उपचुनाव का पूरा कार्यक्रम