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कोरोना काल में फीका हुआ सोनीपत की जलेबी का स्वाद, अनलॉक के बाद पटरी पर लौट रहा काम

कोरोना के असर से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं बचा. चाहे वो कोई बड़ा उद्योग हो या आम दुकानदार सभी को कोरोना की मार झेलनी पड़ी है. गोहाना के मातूराम जलेबी की दुकान पर भी कोरोना का असर अभी तक देखा जा रहा है. अनलॉक में मिली छूट के बाद भी कम ही लोग दुकान पर मिठाई खरीदने आ रहे हैं.

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मातूराम की जलेबियों पर कोरोना का असर

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Published : Aug 19, 2020, 10:41 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 3:35 PM IST

सोनीपत:अगर आप सोनीपत के गोहाना शहर जाएं और मातूराम की जलेबी ना खाएं, तो समझ लें आपका गोहाना जाना बेकार रहा. क्योंकि ये जलेबी कोई आम जलेबी नहीं है. इस देशी घी की जलेबी के दीवाने आपको देश विदेश में भी मिल जाएंगे. क्योंकि लंबे समय से मातूराम की जलेबी लोगों को मिठास दे रही है.

कोरोना की वजह से घटी मातूराम की जलेबियों की बिक्री, देखें रिपोर्ट

गोहाना की जलेबी हमेशा से लोगों की पहली पसंद रही है. इस जलेबी का जलवा ऐसा है कि इसके कदरदान दुनिया के कई देशों में हैं. यही वजह है कि जब कोरोना ने पूरी दुनिया को झकझोरा और कारोबार लगभग रोक दिया. ऐसे में भी मातूराम की जलेबी का जलवा कायम है. वो बात अलग है कि बिक्री पहले से कम है लेकिन विश्वास आज भी उतना ही है.

क्या है जलेबी में खास ?

  • लाला मातूराम की जलेबी कोई सामान्य जलेबी नहीं है, इनका आकार सामान्य जलेबी से ज्यादा बड़ा है.
  • एक जलेबी का वजन 250 ग्राम. एक किलो में 4 जलेबी ही आती हैं.
  • मातूराम की जलेबी ऊपर से तो करारी है और अंदर से नरम है. जबकि सामान्य जलेबी बस करारी होती है.
  • सबसे बड़ी बात ये जलेबी देसी घी में बनाई जाती है. इसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती.
  • जलेबी में किसी भी तरह का कोई रंग और रसायन नहीं डाला जाता. ग्राहकों को ताजा जलेबी दी जाती है.
  • मिलावट नहीं होने की वजह से ये जलेबी 10 से 12 दिन के बाद भी खराब नहीं होती और ना ही इसके स्वाद में कमी आती है.

अनलॉक में पटरी पर लौटते कारोबार के बीच मातूराम की जलेबी की मिठास भी बढ़ रही है, लेकिन दुकानदार नीरज कुमार कहते हैं कि लॉकडाउन में एक वक्त ऐसा भी था. जब कारीगरों को तनख्वाह देना भी मुश्किल हो गया था. लेकिन अब हालात बदल रहे हैं उम्मीद जगी है और आस बनी है कि सब ठीक हो जाएगा. तब मातूराम की जलेबी एक बार फिर उसी तरीके से बिकेगी जैसे पहले बिका करती थी.

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Last Updated : Aug 20, 2020, 3:35 PM IST

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