सोनीपत:बरोदा उपचुनाव में बीजेपी को ओर से प्रचार करने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने गोहाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस चुनाव से न तो सरकार गिरेगी और न ही सरकार पलटेगी.
भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन की सरकार जैसी आज है, वैसी ही उपचुनाव के बाद भी रहेगी. अब बाजी आपके हाथ में है कि आप लोगों को सत्तासीन पार्टी में हिस्सा करना है या फिर विपक्ष में हिस्सा करना है. उन्होंने कहा कि हमें जात-पात की कोई बात नहीं करनी. हमें केवल और केवल विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ने की बात करनी है और लोगों को मनाना है. ग्रामीण आंचल में किसानों को अध्यादेशों के बारे में समझाना है.
धड़ों में बंटी कांग्रेस नहीं जीत सकती है बरोदा उपचुनाव- बीरेंद्र सिंह हुड्डा पर लगाया लोगों को बहकाने का आरोप
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा इस हलके के लोगों को काफी लंबे समय से बहका रहे हैं. चुनाव के समय मतदान के लिए वोट यहां से लेता है और विकास किलोई हलके का करवाता है. हमें यहां के लोगों को ये भी समझाना है कि कौन सी पार्टी हलके में विकास के दरवाजे खोल सकती है.
आज कांग्रेस की राजनीति झूठ के सहारे चल रही है. झूठ के सहारे किसानों में भ्रम फैलाकर अपनी राजनीति को वो जिंदा रखे हुए हैं, लेकिन, सच ये है कि कांग्रेस का झूठ नहीं बिकेगा. कांग्रेस केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए आमजन और खासकर किसानों में झूठ और भ्रम का माहौल पैदा करना चाहती है.
उन्होंने कहा कि बरोदा के लोग उपचुनाव में विपक्ष के बहकावे में ना आएं. भूपेंद्र हुड्डा तो परिवारवाद की राजनीति करते है. उपचुनाव में हलके के लोग सरकार के साथ आएं. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध किसान नहीं विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता कर रहे हैं. आज अगर ये बरोदा हलके का उपचुनाव नहीं होता तो सभी विपक्षी पार्टियों के नेता इन कानूनों का समर्थन करते.
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'हरियाणा में छह प्रकार की कांग्रेस सक्रिय'
चौ. बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अलग-अलग गुटों में बंट गई है. हरियाणा में भी कांग्रेस के छह भाग हो गए हैं. भूपेंद्र हुड्डा की अलग, दीपेंद्र हुड्डा की अलग, रणदीप सुरजेवाला की अलग, कुमारी सैलजा की अलग, किरण चौधरी की अलग और कुलदीप बिश्नोई की अलग. सभी अपनी-अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं. पार्टी के फायदे नुकसान से उनको कोई फर्क नहीं पड़ता. अकेले भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर में दो कांग्रेस की सरकार चल रही हैं.