सोनीपत:तीनों कृषि कानूनों के विरोध (Farmers Protest) को लेकर पिछले छह महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन में किसानों के सैकड़ों संगठन एक साथ सामने आए हैं. इस संगठनों में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और गुरनाम सिंह चढ़ूनी मुख्य किसान नेताओं के रूप में उभरे हैं, लेकिन इन दोनों नेताओं के बयानों में लगातार विरोधाभास देखा जा रहा है.
हमारा मकसद नेताओं का विरोध करना नहीं- टिकैत
कई महीनों से हरियाणा के किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं, लेकिन इसके उलट उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसान बीजेपी नेताओं का विरोध नहीं कर रहे. ऐसे में गुरनाम सिंह चढूनी ने वहां के किसानों से भी बीजेपी नेताओं के विरोध करने की अपील की.
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गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि काले झंडे दिखाते हुए उत्तर प्रदेश के टोल भी हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर बंद करवाए जाएं, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि कानून वापस करवाने हैं ना कि नेताओं का विरोध करना.
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने जारी की वीडियो
राकेश टिकैत के बयान के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एक ओर वीडियो जारी कर जानकारी दी कि कुछ दिनों पहले मेरे आह्वान के बाद उत्तर प्रदेश के किसान जाग चुके हैं और उन्होंने दो-तीन टोल बंद करवाए हैं, उन्होंने वहां पर आंदोलन शुरू कर दिया है. हम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अन्य किसानों को कहना चाहेंगे कि बीजेपी के जो नेता है उन को काले झंडे और उनके सामने प्रदर्शन करके अपना विरोध जताएं.