सोनीपत:जीटी रोड के चौड़ीकरण की निर्धारित समायावधि अप्रैल 2019 निकल गई और नेशनल हाईवे की हालत पहले से ज्यादा बदतर करके छोड़ दी गई. नेशनल हाईवे को खोदकर छोड़ दिया गया, जिससे उसे पार करने में वाहन चालकों व ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है तो इसका निर्माण कार्य अभी पूरा होता नहीं दिख रहा है. वहीं अधिकारियो के पास कोई जवाब नहीं है और हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री ने भी माना काम बंद है.
दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे मुबरका चौक से सिंघु बॉर्डर तक पहले ही आठ लेन बना हुआ था, जबकि उससे आगे छह लेन का नेशनल हाईवे था. इस नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक बढ़ने के कारण छह लेन से आठ लेन की सड़क के साथ ही दो-दो लेन की सर्विस रोड बनाए जाने का प्लान तैयार किया गया.
निर्धारित समय में नहीं हो सका जीटी रोड के चौड़ीकरण का काम, पीएम ने किया था शिलान्यास - manohar lal
सरकार और कंपनी केजीपी एक्सप्रेस वे का निर्धारित से कम समय में निर्माण कराकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन जीटी रोड के चौड़ीकरण का काम निर्धारित समय के अंदर केवल 40 प्रतिशत तक हो सका है. जीटी रोड को दिल्ली से पानीपत तक छह लेन से 12 लेन कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से शिलान्यास कराकर एनएचएआई ने निर्माण कार्य कराने में रूचि नहीं दिखाई.
2015 में केजीपी और केएमपी के साथ ही राई से पीएम नरेंद्र मोदी से इसका शिलान्यास कराया गया. इसका चौड़ीकरण दिल्ली से पानीपत तक 70.5 किलोमीटर तक होना है. जिसका ठेका एस्सेल कंपनी को दिया गयाय इसके चौड़ीकरण की समयावधि अप्रैल 2019 तक रखी गई और इसपर कंपनी ने काम शुरू कर दिया. इसके साथ ही केजीपी का काम शुरू किया गया, लेकिन केजीपी का निर्माण एक साल पहले खत्म करके मई 18 में पीएम नरेंद्र मोदी से उसका उद्घाटन कराया जा चुका है, जबकि नेशनल हाईवे का केवल चौड़ीकरण अभी तक नहीं हो सका है, जबकि केजीपी पर नेशनल हाईवे के मुकाबले ज्यादा काम होना था इस तरह ही केएमपी का निर्माण भी पूरा करके पिछले साल उद्घाटन किया जा चुका है.