सोनीपत: वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए शराब तस्कर भूपेंद्र के गोदाम को गिराने का निर्णय अंबाला से किया जाएगा. भूपेंद्र ने साजिश रचकर वक्फ बोर्ड की जमीन को अपनी मां के नाम लीज पर लिया था. अब शराब तस्करी का मामला सामने आने पर वक्फ बोर्ड ने इस गोदाम को गिराने और लीज खत्म करने की रिपोर्ट तैयार कर अंबाला मुख्यालय को भेज दी है.
बता दें कि अंबाला से ही पहले भूपेंद्र को वक्फ बोर्ड की जमीन पर शराब का गोदाम बनाने की अनुमति मिली थी. वैसे तो वक्फ की जमीन की लीज 33 साल की है, लेकिन मानक के खिलाफ काम करने पर अनुबंध खत्म करने का प्रावधान है.
शराब तस्करी के आरोपी भूपेंद्र ने वक्फ बोर्ड की जमीन को अपनी मां के नाम लीज पर लिया था. वक्फ बोर्ड की जमीन पर इस्लामिक नियमों के अनुसार शराब, नशा या ब्याज आदि से संबंधित धंधा नहीं किया जा सकता है.
बताया गया है कि इसके चलते कानूनी दांव-पेच से बचने के लिए उसने वक्फ बोर्ड की जमीन को अपनी मां कमला देवी के नाम लीज पर लिया. उसके बाद अपनी मां के नाम से ही इस जमीन पर गोदाम बनवाया. फिर इस गोदाम को मां से खुद किराए पर ले लिया.
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पुलिस के मुताबिक भूपेंद्र और मां-भाई सभी एक साथ ही रहते हैं. वक्फ की जमीन पर गैर कानूनी धंधा करने या ऐसा कारोबार करने जिसकी अनुमति इस्लाम नहीं देता है या लीज लेने वाले के आपराधिक चरित्र का होने पर लीज खत्म कर दी जाती है.
पुलिस ने गोदाम की रिपोर्ट तैयार कर जिला वक्फ बोर्ड को दी है. उसके आधार पर वक्फ बोर्ड ने कमला देवी की लीज को खत्म करने और गोदाम को गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी है. इस जमीन पर बनाए गए गोदाम को गिराने के लिए हरियाणा वक्फ बोर्ड ने अपने मुख्यालय अंबाला को रिपोर्ट भेज दी है.
कौन है शराब ठेकेदार भूपेंद्र?
बता दें कि शराब ठेकेदार भूपेंद्र पर लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब करने का आरोप है. ये शराब भूपेंद्र ठेकेदार के ही एक गोदाम से गायब की गई. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस मामले में पुलिस भूपेंद्र को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि मामले की जांच जारी है.