सिरसा: ऐलनाबाद हल्के के गांव गुड़िया खेड़ा के ग्रामीणों ने नशा रोकने के लिए एक नई पहल शुरू की है. गांव में दर्जन भर युवा नशे की चपेट में आ गए थे जिस पर चिंतन करते हुए गांव के सरपंच प्रतिनिधि और युवाओं ने गांव में नशा ना घुसने देने का निर्णय किया और 'एक मै हूं मेरे गांव का पहरेदार' मुहिम की शुरूआत की.
ये मुहिम 14 जुलाई को शुरू की गई और आज इस मुहिम के चर्चे आसपास के गांव में होने लगे हैं. आदर्श गांव गुड़िया खेड़ा के लोग भी इस मुहिम से काफी खुश दिखाई दिए.
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क्या है 'मैं हूं मेरे गांव का पहरेदार' मुहिम?
वैसे तो 'मैं हूं मेरे गांव का पहरेदार' मुहिम अभी शुरू ही की गई है, लेकिन महज 12 दिनों में इस मुहिम के चर्चे जिले भर में होने लगे हैं. इस मुहिम के तहत गांव के लगभग 60 युवाओं की टीम बनाई गई है, जिसमें से 12 युवाओं की टीम अति प्रभावशाली है जहां भी किसी प्रकार की नशे से संबंधित शिकायत मिलती है तो 12 सदस्यीय कमेटी वहां पहुंच कर मुआयना करती है.
इसके अलावा बाकी के सदस्य दिन रात गांव में पहरा देते हैं और रात के समय में टीकरी पहरा लगाया जाता है. गांव के चारों और आसपास के गांवों से जोड़ने वाले रास्तों पर युवाओं का टिकरी पहरा होता है, संदिग्ध व्यक्ति की तलाशी लेने के बाद ही गांव में घुसने दिया जाता है.