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हरियाणा के कई जिलों में पशुओं के चारे की किल्लत, इस जिले में लगाई गई धारा 144

हरियाणा में चारे की कमी की समस्या अब गहराती जा रही है. सिरसा जिले में चारे की किल्लत (sirsa fodder shortage) को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही तूड़ी को फैक्ट्री में प्रयोग करने व सिरसा से बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

sirsa shortage of fodder
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Published : Apr 22, 2022, 6:12 PM IST

Updated : Apr 22, 2022, 6:27 PM IST

सिरसा:पशुओं के चारे की किल्लत को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है. जिले में तूड़ी (sirsa fodder shortage) की कमी को देखते हुए जिला प्रशासन ने पत्र जारी करते हुए गौशाला संचालकों को राहत दी है. जिला प्रशासन ने पत्र में कहा कि सिरसा की सीमा के अंदर तूड़ी फैक्ट्री में प्रयोग होती है और इसे बाहर भी भेजा जाता है. इससे गौवंश में सूखे चारे की कमी होती है इसलिए तूड़ी को फैक्ट्री में प्रयोग करने व सिरसा से बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिला प्रशासन के द्वारा इस संबंध में धारा 144 लागू कर दी गई है.

बता दें कि बीते दिनों गौशाला संचालकों की बैठक हुई थी जिसमें तूड़ी के बढ़ते दामोंं पर चिंता जाहिर की गई थी. प्रशासन को अल्टीमेटम भी दिया गया था कि सरकार व प्रशासन ने अगर तूड़ी के रेटों में कटौती नहीं की, तो मजबूरन गौशालाओं के प्रबंधकों के पद से इस्तीफा देकर गौशालाएं बंद करने पर मजबूर होना होगा. इसी के साथ कहा गया था कि सिरसा जिले में 134 पंजीकृत व 18 गैर पंजीकृत गौशालाएं हैं, तूड़ी की समस्या आ रही है अगर तूड़ी नहीं होगी, तो गौवंश को क्या खिलाएंगे.

जिला प्रशासन ने पत्र किया जारी

गौशालाओं के प्रबंधकों का कहना था कि इस समस्या के कारण हमें गौवंश को सड़कोंं पर छोड़ने पर मजबूर होना होगा. गौशालाओं की चाभियां व इस्तीफे डीसी सिरसा को देने होंगे. अब प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए पत्र जारी किया है. बता दें कि, सिरसा की करीब 152 गौशालाओं में तूड़ी न पहुंचने के कारण 80 हजार गोवंश के सामने चारे का संकट पैदा हो गया है. पंजाब के कई जिलों से सिरसा में तूड़ी पहुंचाई जाती थी, लेकिन आरटीओ द्वारा भारी चालान किए जाने के कारण पंजाब के व्यापारियों ने सिरसा में तूड़ी की सप्लाई करनी बंद कर दी है. जिसके कारण गौशाला संचालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी.

गौशाला संचालक महंगे दाम पर तूड़ी खरीदकर गायों व गोवंश को डाल रहे हैं, लेकिन पर्याप्त मात्रा में तूड़ी नहीं मिलने के कारण पशुओं को पर्याप्त चारा नहीं मिल रहा. तूड़ी और भूसे की किल्लत का मुख्य कारण आरटीओ और यातायात पुलिस द्वारा तूड़ी से भरी ट्रॉलियों के भारी चालान किया जाना बताया जा रहा था. सिरसा की ज्यादातर गौशालाओं में पंजाब के मानसा, सरदूलगढ़, मलोट, बठिंडा और कई क्षेत्रों से व्यापारी तूड़ी भिजवाते हैं, लेकिन आरटीओ द्वारा तूड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियों का 30 से 40 हजार रुपये का चालान किया जा रहा है. जिसके चलते वे सिरसा की बजाय राजस्थान में तूड़ी सप्लाई कर रहे हैं. इस वजह से सिरसा में तूड़ी की किल्लत पैदा हो गई.

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Last Updated : Apr 22, 2022, 6:27 PM IST

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