सिरसा: मंगलवार को मुख्यमंत्री सिरसा के पंचायत भवन में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों से बातचीत की. इस दौरान विपक्ष की तरफ से इस योजना का विरोध करने पर उन्होंने चुटकी ली. सीएम ने कि विपक्ष तो विपक्ष है, विपक्ष का काम केवल विरोध करना है, लेकिन अब तक 55 हजार हैक्टेयर भूमि पर किसानों द्वारा स्वेच्छा से धान नहीं लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना इस योजना की सफलता को उजागर करता है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 20 साल बाद दक्षिण हरियाणा में नहरों के टेल तक पानी पहुंचाया गया है. बावजूद इसके गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय है. पानी के दोहन की गति को कम करने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना लागू की गई है.
'किसानों ने स्वेच्छा से अपनाई योजना'
प्रदेश के आठ ब्लाकों में इस योजना को किसानों ने स्वेच्छा से अपनाया है. पहले योजना के तहत सभी 8 ब्लाकों के किसानों को धान की बिजाई नहीं करने के लिए प्रतिबंधित किया गया था लेकिन बाद में किसानों की समस्याओं को देखते हुए इसे स्वेच्छि बना दिया गया. इसका लाभ भी भरपूर मिला.
योजना के तहत 42 हजार किसानों ने स्वेच्छा से धान की बिजाई नहीं करने का पोर्टल पर आवेदन किया है. सीएम मनोहर लाल ने बताया कि सरकार ने एक लाख हैक्टेयर भूमि पर धान की बिजाई नहीं करवाने का लक्ष्य रखा था. अब तक इस योजना के तहत 55 हजार हैक्टेयर भूमि पर किसानों ने स्वेच्छा से धान नहीं बोने का फैसला लिया है.