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मेरा पानी, मेरी विरासत योजना को सीएम ने बताया सफल, बोले- किसान खुद कर रहे रजिस्ट्रेशन

सिरसा में मंगलवार को सीएम मनोहर लाल ने मेरा पानी, मेरी विरासत योजना को लेकर किसानों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि विपक्ष के विरोध के बावजूद किसानों ने इस योजना को सफल बनाया है.

in sirsa chief minister manohar lal said mera pani meri virasat is successful
मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा

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Published : Jun 9, 2020, 6:19 PM IST

सिरसा: मंगलवार को मुख्यमंत्री सिरसा के पंचायत भवन में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों से बातचीत की. इस दौरान विपक्ष की तरफ से इस योजना का विरोध करने पर उन्होंने चुटकी ली. सीएम ने कि विपक्ष तो विपक्ष है, विपक्ष का काम केवल विरोध करना है, लेकिन अब तक 55 हजार हैक्टेयर भूमि पर किसानों द्वारा स्वेच्छा से धान नहीं लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना इस योजना की सफलता को उजागर करता है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 20 साल बाद दक्षिण हरियाणा में नहरों के टेल तक पानी पहुंचाया गया है. बावजूद इसके गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय है. पानी के दोहन की गति को कम करने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना लागू की गई है.

सिरसा में मेरा पानी, मेरी विरासत योजना पर बात करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर, देखिए वीडियो

'किसानों ने स्वेच्छा से अपनाई योजना'

प्रदेश के आठ ब्लाकों में इस योजना को किसानों ने स्वेच्छा से अपनाया है. पहले योजना के तहत सभी 8 ब्लाकों के किसानों को धान की बिजाई नहीं करने के लिए प्रतिबंधित किया गया था लेकिन बाद में किसानों की समस्याओं को देखते हुए इसे स्वेच्छि बना दिया गया. इसका लाभ भी भरपूर मिला.

योजना के तहत 42 हजार किसानों ने स्वेच्छा से धान की बिजाई नहीं करने का पोर्टल पर आवेदन किया है. सीएम मनोहर लाल ने बताया कि सरकार ने एक लाख हैक्टेयर भूमि पर धान की बिजाई नहीं करवाने का लक्ष्य रखा था. अब तक इस योजना के तहत 55 हजार हैक्टेयर भूमि पर किसानों ने स्वेच्छा से धान नहीं बोने का फैसला लिया है.

'बरसाती पानी से रोपाई पर नहीं प्रतिबंध'

सीएम ने कहा कि धान की सीधी बिजाई से भी पानी की बचत होती है, इसके लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. भूजल स्तर के अलावा नहरी या बरसाती पानी से किसान धान की रोपाई करता है तो उस पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

'सरकारी योजना से रिचार्जिंग प्वाईंट बनेंगे'

मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरता भूजल स्तर पर चिंता का विषय है. जहां-जहां भूमिगत पानी गहरा है. वहां सरकारी योजना के तहत रिचार्जिंग प्वाईंट बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक फसल अपनाने वाले किसानों द्वारा बिजी जाने वाली दलहन, मक्का जैसी फसलों की भी सरकारी खरीद की जाएगी.

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