हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

सिरसाः केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन अध्यादेशों के खिलाफ किसानों ने किया प्रदर्शन - केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन सिरसा

केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सिरसा में किसानों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर इन अध्यादेशों को वापस नहीं लिया गया, तो पूरे भारत के किसान सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

farmers protest against three agricultural ordinances in sirsa
सिरसा में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन अध्यादेशों के खिलाफ किसानों ने किया प्रदर्शन

By

Published : Jul 20, 2020, 6:43 PM IST

सिरसा: केंद सरकार द्वारा किसानों से जुड़े तीन अध्यादेशों को मंजूरी देने के विरोध में पंजाब के साथ साथ हरियाणा के किसान भी प्रदर्शन कर रहे हैं. सिरसा के डबवाली में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने सोमवार को ट्रैक्टर रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन के बाद किसानों ने डबवाली के एसडीएम ऑफिस पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा.

सिरसा में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन अध्यादेशों के खिलाफ किसानों ने किया प्रदर्शन

इस दौरान राष्ट्रीय किसान संगठन यूनियन हरियाणा के प्रधान जसबीर सिंह भट्टी ने बताया कि केंद्र सरकार इन अध्यादेशों को किसानों पर थोप रही है. जिसे किसान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ये अध्यादेश काला कानून है. जिसे केंद्र सरकार जल्द से जल्द वापस ले. जसबीर सिंह भट्टी ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आने वाले दिनों में किसान देश भर में आंदोलन करेंगे.

वहीं आढ़ती गुरदीप कामरा ने बताया कि इन अध्यादेशों के लागू होने से किसानों के साथ-साथ आढ़ती भी बर्बाद हो जाएंगे. इसलिए सरकार को इन अध्यादेशों को वापस लेना चाहिए.

क्या है इन तीन अध्यादेशों में?

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कृषि से जुड़े तीन अध्यादेश व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, मुल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा समझौता अध्यादेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन )अध्यादेश पारित किए हैं.

व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश: इस अध्यादेश में किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की सुविधा मिलेगी. किसानों की फसल को कोई भी कंपनी या व्यक्ति खरीद सकता है. वहीं इस अध्यादेश में किसानों को तीन दिन के अंदर पैसे मिलने की बात कही गई है.

इस अध्यादेश की सबसे बड़ी बात तो ये है कि अगर किसान और व्यापारी में कोई विवाद होगा तो उसका निपटारा जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा तीस दिनों के भीतर किया जाएगा. इस विवाद को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है. जिससे किसानों को डर है कि कंपनियों के दबाव में आकर सरकार उनके साथ विश्वासघात ना कर दे. इस बात को लेकर किसान डरे हुए हैं.

मुल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा समझौता अध्यादेश:इस अध्यादेश के तहत सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट खेती को बढ़ावा देने की बात कही है. कॉन्ट्रैक्ट खेती में खेती बड़ी-बड़ी कंपनियां करेंगी. जिससे किसान अपने ही खेतों में मजदूर बनकर रह जाएंगे. जिसके विरोध में किसान सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन )अध्यादेश:देश में कालाबाजारी को रोकने के लिए साल 1955 में आवश्यक वस्तु अधिनियम बनाया गया था. इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एक निश्चित मात्रा से अधिक खाद्य वस्तुओं का भंडारण नहीं कर सकता था.

अब केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए अध्यादेश में आलू, प्याज और तिलहन जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगाई गई रोक को हटा लिया गया है. इस अध्यादेश के माध्यम से लोग इन सामानों की जितनी चाहें स्टॉक जमा कर सकते हैं. किसानों के पास लंबे समय तक भंडारण करने की क्षमता नहीं है. जिससे उनको अपने उत्पादों को कंपनियों को बेचना ही पड़ेगा और कंपनियां जब चाहें इन वस्तुओं का दाम बढ़ा कर लोगों से पैसे ऐंठ सकती हैं.

इन्हीं मुद्दों को लेकर किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि सरकार किसानों की बात मानती है या फिर किसान इसी तरह सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करते रहेंगे.

ये भी पढ़ें: भिवानी में किसानों और व्यापारियों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, कृषि अध्यादेश का विरोध

ABOUT THE AUTHOR

...view details