सिरसा:डेरा प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी के दौरान पंचकूला में हिंसा भड़काने के मामले में मुख्य आरोपी राम रहीम की राजदार हनीप्रीत को बड़ी राहत मिली है. पंचकूला कोर्ट ने हनीप्रित समेत सभी आरोपियों पर से देशद्रोह की धारा हटा दी है. वहीं देशद्रोह की धारा हटने पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने प्रतिक्रिया दी.
हनीप्रीत के ऊपर से देशद्रोह की धारा हटी
अंशुल छत्रपति ने कि जिस तरह से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के इशारे पर डेरे के अंदर हिंसा की साजिश रची गई और जो लोग इस साजिश में शामिल थे अगर उनके खिलाफ देशद्रोह की धारा हटा ली जाती है तो ये पुलिस का फेलियर है. अंशुल ने कहा कि दो साल के बाद भी सरकार और पुलिस सबूत जुटाने में नाकाम रही.
हनीप्रीत के ऊपर से देशद्रोह की धारा हटने पर अंशुल छत्रपति की प्रतिक्रिया 'देशद्रोह की धारा हटना सरकार और पुलिस का फेलियर'
अंशुल ने कहा कि राम रहीम पर देशद्रोह की धारा न लगाना और हनीप्रीत के ऊपर से देशद्रोह की धारा हटाया जाना कही न कही ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देने का काम करेगी. अंशुल ने कहा कि जो लोग इस हिंसा में शामिल थे अगर उन्हें सजा नहीं मिलती है तो ये हरियाणा पुलिस और सरकार का फेलियर है.
हनीप्रीत और दूसरे आरोपियों पर ये हैं आरोप
हनीप्रीत के खिलाफ एफआइआर नंबर 345 में आइपीसी की धारा 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत अन्य आरोपियों पर मामला दर्ज है. हनीप्रीत साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में हिंसा भड़काने और देशद्रोह मामले की आरोपी है.
पंचकूला हिंसा मामले की मुख्य आरोपी हनीप्रीत को राहत, कोर्ट ने हटाई देश द्रोह की धारा
कौन थे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ?
- साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
- रामचंद्र छत्रपति लगातार अपने समाचार पत्र में डेरे में होने वाले अनर्थ से जुड़ी ख़बरों को छाप रहे थे.
- सिरसा में हुए दो साध्वियों के साथ हुए रेप की खबर को छत्रपति ने अपने अखबार 'पूरा सच' में छापा था.
- इस पूरी घटना का खुलासा जिस गुमनाम चिट्ठी से हुआ वो छत्रपति ने अपने अखबार में प्रकाशित की थी.
- उस वक्त ये चिट्ठी तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, चीफ जस्टिस पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, समेत कई संस्थानों में भेजी गई थी.
- तीन पेज की चिट्ठी हाथ आने के बाद छत्रपति ने डेरा प्रमुख के बारे में अपने अखबार में छापा था.
- जिसके बाद अक्टूबर 24, 2002 को छत्रपति पर घर के बाहर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला किया.
- छत्रपति की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई.