रोहतक: प्रदेशभर के शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारियों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है. कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. कर्मचारियों की तरफ से कहा गया है कि एक सितंबर को उनकी तरफ से सरकार को नया मांग पत्र दिया जाएगा. रविवार को रोहतक में नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा की राज्य स्तरीय बैठक में ये फैसला किया गया.
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बैठक में तय हुआ कि 19 और 20 सितंबर को प्रदेश भर में काले बिल्ले लगाकर गेट मीटिंग होगी और फिर झाड़ू प्रदर्शन किया जाएगा. 25 सितंबर से 29 सितंबर तक प्रदेश भर में क्रमिक भूख हड़ताल होगी. इसके बाद 15 अक्टूबर को रोहतक में प्रदेश स्तरीय रैली होगी. गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारियों ने मांगों को लेकर 11 दिन तक हड़ताल की थी.
हड़ताल के बाद 29 अक्टूबर को सरकार के साथ कुछ मांगों पर सहमति बनी थी. और सरकार ने मांगों को लेकर पत्र भी जारी कर दिया था. इस साल एक बार फिर कर्मचारियों और सरकार के बीच बातचीत हुई, लेकिन अभी तक इनकी मांगों को लागू नहीं किया गया है. जिससे कर्मचारियों में रोष है. नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि प्रदेश सरकार के साथ दो बार समझौता हो चुका है.
उन्होंने कहा कि समझौते में मानी गई मांगों को लागू नहीं किया गया है. उन्होंने सरकार पर सीवरेज व सफाई के काम में लगे कर्मचारियों के शोषण का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जा रहा है. इसके विपरीत सरकार सफाई के काम को अलग-अलग ठेकों पर दे रही है. इसके अलावा खाली पदों पर भी भर्ती नहीं की जा रही है. कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को भी लागू करने की मांग की.
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सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष धर्मबीर फोगाट ने शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारियों की मांगों को पूर्ण रूप से समर्थन किया. उन्होंने प्रदेश सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार तानाशाही तरीके से कर्मचारियों को दबाना चाहती है. फोगाट ने हरियाणा राज्य कौशल रोजगार निगम को भंग करने की मांग की.