जोगिंदर शर्मा ने क्रिकेट से संन्यास लिया रोहतक: हरियाणा के रोहतक के रहने वाले क्रिकेटर जोगिंदर शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. जोगिंदर शर्मा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में जब टीम इंडिया ने टी20 विश्वकप का खिताब जीता था, उस फाइनल मैच में जोगिंदर शर्मा हीरो बनकर उभरे थे. विश्वकप के फाइनल में जोगिंदर शर्मा ने पाकिस्तान के दो विकेट झटके थे.
हरियाणा के रोहतक में हुआ जन्म: जोगिंदर शर्मा का जन्म 23 अक्टूबर 1983 को हरियाणा के रोहतक की जनता कॉलोनी में हुआ. जोगिंदर शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा रोहतक में ही हुई थी. जोगिंदर हरियाणा टीम में रणजी प्लेयर रहे हैं. जोगिंदर शर्मा बच्चपन से ही क्रिकेट खेलने का शौकीन था. शुरू-शुरू में जोगिंदर शर्मा गलियों में ही क्रिकेट खेला करते थे, लेकिन धीरे-धीरे जोगिंदर स्कूल से कॉलेज और कॉलेज से बंसी लाल स्टेडियम में खेलने लगे. जोगिंदर शर्मा के पिता ओमप्रकाश की पान की दुकान है जो अब भी उसी छोटी सी दुकान से उनके पिता ने परिवार का पालन पोषण किया.
जोगिंदर चार भाइयों में सबसे छोटे हैं. जोगिंदर शर्मा को हुड्डा सरकार ने डीएसपी के पद पर नवाजा. जोगिंदर फिलहाल अंबाला में डीएसपी के पद पर तैनात हैं. जोगिंदर अपनी इस जिम्मेदारी को भी आज बखूबी निभा रहे हैं. पिछले दिनों कोविड में बेहतरीन कार्य करने पर बीसीसीआई ने भी जोगिंदर शर्मा की तारीफ की थी.
2004 में महेंद्र सिंह धोनी के साथ भारतीय क्रिकेट टीम में प्रवेश करने वाले दाहिने हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा ने भारत की तरफ से चार वनडे और चार T20 मैच खेले हैं. जोगिंदर शर्मा उस समय सुर्खियों में आए थे, जब 2007 में T20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने आखिरी निर्णायक ओवर डाला था. उनकी बॉलिंग के कारण भारत ने शानदार तरीके से वर्ल्ड कप जीता था.
जोगिंदर शर्मा बहुत ही संघर्ष कर क्रिकेट के सफर में शामिल हुए थे. जोगिंदर के पिता पान की दुकान चलाकर परिवार का गुजारा करते थे. लेकिन जोगिंदर के लगन और मेहनत रंग लाई, आखिरकार वे भारतीय टीम में शामिल हुए. हालांकि उन्हें देश के लिए ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन अपनी छोटी अंतरराष्ट्रीय पारी में जोगिंदर ने एक अमिट छाप छोड़ दिया. जोगिंदर शर्मा 2008 से 2012 तक आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स से भी जुड़े. इसके बाद जोगिंदर क्रिकेट से दूर होते गए.
जोगिंदर शर्मा अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर जरूर थे, लेकिन समय समय पर उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में हिस्सा जरूर लिया. अपने सन्यास की घोषणा करते उन्होंने अपने सफर के साथियों मां, बड़े भाई, कोच, टीचर और टीम मेट्स का धन्यवाद किया और उन्हें याद कर जोगिंदर शर्मा कुछ भावुक भी दिखाई दिए. जोगिंदर शर्मा ने कहा बतौर खिलाड़ी यह उनके मुश्किल पल है.
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