रोहतक:हजारों वर्ष तक ना गलने वाले प्लास्टिक को अब स्वच्छ भारत मिशन और एनजीओ के सहयोग से सड़केबनाने में प्रयोग किया जाएगा. तीन जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों को इसके लिए पहले चरण में चुना गया है. जिसमें रोहतक, सोनीपत और झज्जर के गांवों से निकलने वाले प्लास्टिक को कचरे के तौर पर एकत्रित किया जाएगा.
सस्टनेबिलिटी विजन फाउंडेशन ट्रस्ट एनजीओ की ओर से गांवों में रिक्शा भेजकर प्लास्टिक कचरा एकत्रित किया जाएगा. यह प्लास्टिक दो रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जाएगा. इसके बाद पहले से किए गए समझौते के तहत हरियाणा स्टेट रोड डेवलपमेंट कॅारपोरेशन (एचएसआरडीसी) की ओर से इस प्लास्टिक को सड़केबनाने में चारकोल के साथ प्रयोग में लिया जाएगा. आपको बता दें की दूसरे फेज में जींद और पानीपत को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा.बैंगलुरु, इंदौर और पश्चिम बंगाल के बाद इस योजना को प्रदेश में लाया गया है. अभी तक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण और संबंधित एनजीओ के मार्फत तीन जिलों के गांवों को छंटनी कर काम भी शुरू कर दिया गया है.