रोहतकःविजिलेंस ने 510 निजी बसों को परमिट देने के मामले में घोटाले को उजागर किया है. जिसके चलते विभाग की कार्रवाई के दौरान रोडवेज के कुछ छोटे कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. विभाग की इस कार्रवाई से हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी संतुष्ट नहीं है. उनका आरोप है कि विभाग आला अधिकारियों को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
किमी स्कीम मामला: 'अधिकारियों को बचाने के लिए कर्मचारियों को बनाया जा रहा बलि का बकरा' - private
निजी बसों को परमिट देने के मामले में स्टेट विजिलेंस ने घोटाले की पुष्टि की है. मामले में हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों की प्रतिक्रिया सामने आई है. उनका आरोप है कि आला अधिकारियों को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
'आला अधिकारियों ने दिया घोटाले को अंजाम'
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र सिंह धनखड़ ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. उनका कहना है कि आला अधिकारियों और प्राइवेट ऑपरेटर्स के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया गया है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए वहीं छोटे कर्मचारियों को इसमें बलि का बकरा ना बनाया जाए.
कर्मचारियों की चेतावनी
रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ ने कहा कि अगर सरकार अभी भी बची हुई 190 बसों को हायर करने का नोटिस जारी करती है और अगर बड़े अधेकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती तो रोडवेज तालमेल कमेटी एक बार फिर बड़ा आंदोलन करेगी.