रोहतकः बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सरकार और मेडिकल छात्रों के बीच अभी तक गतिरोध बना हुआ है. पॉलिसी का विरोध कर रहे मेडिकल छात्रों की सरकार से (Bond Policy Controversy) वार्ता विफल रहती है तो पीजीआईएमएस की (Medical services in PGIMS will collapse) चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी. मेडिकल कॉलेज में ओपीडी पहले ही बंद हैं. इस आंदोलन को आज 25 दिन हो गए हैं. रेजीडेंट डॉक्टर्स के बाद मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ और नर्सिंग एसोसिएशन ने बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे मेडिकल छात्रों का समर्थन किया है.
हेल्थ यूनिवर्सिटी की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के एमबीबीएस छात्रों व रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की हड़ताल का समर्थन करने पर पीजीआईएमएस प्रशासन और प्रदेश सरकार दबाव में आ गई है. कमेटी में शामिल हरियाणा स्टेट मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, हेल्थ यूनिवर्सिटी की गैर शिक्षक कर्मचारी संघ व नर्सिंग एसोसिएशन ने तय किया है कि अगर एमबीबीएस छात्रों की मांगों को नहीं माना गया तो शुक्रवार से वे भी इलेक्टिव ऑपरेशन नहीं करेंगे.
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