रोहतक: महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर लौटी स्वीटी बूरा और नीतू घणघस को राष्ट्रीय मुक्केबाजी अकादमी रोहतक में सम्मानित किया गया. नीतू घणघस ने 48 किलोग्राम भारवर्ग और स्वीटी बूरा ने 81 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीता है. दोनों ही मुक्केबाज राष्ट्रीय मुक्केबाजी अकादमी रोहतक में प्रशिक्षण ले रही हैं. आज रोहतक लौटने पर दोनों का जोरदार स्वागत किया गया साथ में दोनों को अकादमी में सम्मानित भी किया गया. शुक्रवार को रोहतक में बॉक्सर नीतू घणघस और स्वीटी बूरा का विजयी जुलूस निकाला गया.
इस मौके पर मुक्केबाज नीतू घणघस ने कहा कि उन्हें गोल्ड मेडल जीतने पर काफी खुशी हो रही है. पिछली बार वो कमियों की वजह से चूक गई थी, लेकिन इस बार उन्होंने कमियों को पूरा करते हुए गोल्ड मेडल जीतने का सपना पूरा किया. नीतू ने कहा कि उन्हें इस मुकाम पर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है. उन्हें परिजनों का पूरा सहयोग मिला. इसके अलावा उनके कोच का भी उनको काफी सहयोग मिला. जिसकी वजह से वो ये मुकाम हासिल कर पाई. नीतू के पिता जयभगवान ने बताया कि नीतू ने साल 2012 में कोच जगदीश के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेना शुरू किया था.
इसके बाद वो निरंतर मेहनत करती रही और आज इस मुकाम पर पहुंची है. उन्होंने उम्मीद जताई कि वो आगामी ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल करेगी. वहीं मूल रूप से हिसार की रहने वाली बॉक्सर स्वीटी बूरा फिलहाल रोहतक में ही रह रही हैं. साल 2009 में उन्होंने मुक्केबाजी शुरूआत की थी. उन्होंने साल 2014 में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया था. जबकि पिछले दिनों जॉर्डन में हुई एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था. भोपाल में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी उन्होंने खिताब अपने नाम किया था. स्वीटी का कहना है कि यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत अधिक मेहनत की है.