रेवाड़ी: सरसों की खरीद नहीं होने पर आज रेवाड़ी में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के जिला प्रधान समय सिंह के नेतृत्व में रेवाड़ी की नई अनाज मंडी के गेट पर किसानों ने प्रदर्शन किया. प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसानों ने अनाज मंडी के गेट पर ताला लगा दिया. गेट खुलवाने को लेकर इस बीच पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हो गई.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर पहुंचे एसडीएम होशियार सिंह के आश्वासन के बाद किसानों ने गेट का ताला खोला है. रेवाड़ी में पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय हो गया जब सरसों की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. जिसके चलते परेशान किसानों ने आज प्रदर्शन का फैसला किया. फसल खरीद नहीं होने से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. एक तरफ बारिश के चलते खेत में फसल भीग रही है वहीं दूसरी तरफ मंडी में भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही.
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किसानों का कहना है कि फसल की बिक्री नहीं होने से उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. फसल नहीं बिकने से बच्चों के स्कूलों की फीस भी नहीं दी जा रही है. सरकार ने कहा था कि 15 मई तक सरसों की सरकारी खरीद की जायेगी लेकिन 30 अप्रैल को ही खरीद बंद कर दी गई थी. जिस दिन खरीद प्रक्रिया बंद की गई थी, उस वक्त भी किसानों ने रोड जाम करके विरोध दर्ज कराया था. जिसके बाद एक दिन सरसों की खरीद बढ़ा दी गई. लेकिन उसके बाद फिर बंद कर दी गई.
भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने जिला प्रशासन के मार्फत सरकार को ज्ञापन सौपकर मांग भी की थी की कम से कम 15 मई तक तो सरसों की खरीद प्रक्रिया की जाए लेकिन सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी. जिसके बाद आज किसान यूनियन के लोग रेवाड़ी अनाज मंडी गेट पर धरना देने के लिए पहुंच गए. किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुये मंडी गेट पर ताला जड़ दिया. इस दौरान गेट को खुलवाने के लिए पुलिस और किसानों के बीच धक्कामुक्की भी हो गई. थोड़ी देर बाद डीएसपी और एसडीएस मौके पर पहुंचे और किसानों को शांत कराया गया. किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपकर अपनी मांगें पूरी करने की अपील की है.
हरियाणा देश में तीसरा सबसे बड़ा सरसों उत्पादक राज्य है. पहले नंबर पर राजस्थान रहता है. लेकिन इस बार अभी तक हरियाणा में राजस्थान से भी ज्यादा सरसों की खरीद हो चुकी है. सरकार के मुताबिक हरियाणा में 8 मई तक 6 लाख मीट्रिक टन सरसों की सरकारी खरीद की जा चुकी है. सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल रखा है. इस बार ओपन मार्केट में सरसों का भाव 4500 रुपये तक ही गया है. इसीलिए किसान एमएसपी पर ही अपनी सरसों बेचना चाहते हैं. सरकार तिलहन फसलों के कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत ही खरीद करती है. इसलिए 30 अप्रैल को खरीद बंद होने से किसान परेशान हैं.
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