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हुड्डा के करीबी रहे जसवंत सिंह ने कांग्रेस छोड़ थामा बीजेपी का दामन, दलित वोटों पर है प्रभाव

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Published : Oct 9, 2019, 11:32 PM IST

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री चौधरी जसवंत सिंह ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया. उन्होंने बताया कि काफी दिनों से वे कांग्रेस पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे. इसी के चलते आज उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया.

जसवंत सिंह ने कांग्रेस छोड़ थामा बीजेपी का दामन

रेवाड़ी: हरियाणा कांग्रेस को आज इस वक्त एक और बड़ा झटका लगा जब कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री चौधरी जसवंत सिंह ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया. उन्होंने बताया कि काफी दिनों से वे कांग्रेस पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे. इसी के चलते आज उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री जसवंत सिंह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बहुत ही करीबी रहे है.

दलित वोटों पर प्रभाव
बुघवार को चौधरी जसवंत सिंह ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहते हुए राव इंद्रजीत सिंह की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. चौधरी जसवंत सिंह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की टीम के सबसे मजबूत कद्दावर नेता रहें है. जसवंत सिंह का दक्षिण हरियाणा में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में दलित वोटों पर प्रभाव है. इनका बीजेपी में आने से बीजेपी को को फायदा होगा.

जसवंत सिंह ने कांग्रेस छोड़ थामा बीजेपी का दामन

राव इंद्रजीत ने किया स्वागत
केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि चौधरी जसवंत सिंह सच्चे और ईमानदार नेता है. इनका बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी. बुधवार को इसके साथ जसवंत सिंह के करीबी बिजेंद्र डहीना सहित सैकड़ों कांग्रेसियों ने आज बीजेपी पार्टी जॉइन कर ली है.

कब थमेगा आया राम गया राम का सिलसिला!
गौरतलब है कि हरियाणा में प्रदेश कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी उम्मीदों के साथ अशोक तंवर को हटाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था. चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इलेक्शन कैंपेन कमिटी का चेयरमैन बनाया था, लेकिन कांग्रेस हाईकमान का ये फेरबदल का फैसला पूरी तरह से उल्टा पड़ा. कुमारी सैलजा के अध्यक्ष बनने के 34 दिन के अंदर तकरीबन 40 बड़े नेता कांग्रेस को छोड़कर चले गए. कांग्रेस को अलविदा कहने वाले नेताओं में पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों के अलावा चेयरमैन और बड़े चेहरे शामिल हैं. ऐसे में अब देखना होगा की आया राम गया राम का सिलसिला कब तक चलेगा और आखिर इससे पार्टी को क्या फायदा मिलेगा.

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