रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी में अब कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो चुका है. शुक्रवार सुबह सड़कों पर घना कोहरा दिखाई (Fog In Rewari) दिया. हालांकि सुबह 9 बजे के बाद शीतलहर की वजह से कोहरा तो छंट गया लेकिन कंपकंपी बनी हुई है. कोहरे की वजह से दिल्ली-जयपुर हाइवे-48 सहित जिले के अन्य मार्ग पर वाहन रेंगते हुए दिखाई दिए. कोहरे के चलते दृश्यता भी कम रही. हालांकि अब कोहरा छट चुका है, लेकिन शीतलहर के कारण ठंडक बरकरार है.
दरअसल चार दिन पहले रेवाड़ी में 50 मिमी से ज्यादा बारिश हुई. इसके बाद से ही ठंड काफी ज्यादा बढ़ गई. इसके अलावा पश्चिम की तरफ से चल रही ठंडी हवाओ और पहाड़ों में लगातार हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाकों में और ज्यादा ठंड बढ़ी है. गुरुवार को जिले में न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. जबकि शुक्रवार को 2.5 डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.मौसम विभाग के अनुसार 15 जनवरी के बाद ही धूप भी खिलेगी लेकिन शीतलहर के कारण ठंडक बनी रहेगी. इस सीजन में अभी तक एक बार भी न्यूनतम तापमान जमावबिंदु पर पहुंचा है. 19 दिसंबर को न्यूनतम तापमान -1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. उसके बाद मौसम की अदला-बदली बनी रही. हालांकि बरसात के बाद फिर से मौसम ठंडा हुआ है.
शीतलहर की चपेट में रेवाड़ी, 6 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तापमान - Haryana News In Hindi
पहाड़ों में हो रही लगातार बर्फबारी की वजह से रेवाड़ी शीतलहर (rewari weather update) की चपेट में है. जिले में शीतलहर के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. शुक्रवार को रेवाड़ी का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
शुक्रवार को सूबे के ज्यादातर जिलों में कोहरे की हल्दी चादर चढ़ी दिखाई दी. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हुई. अल सुबह हरियाणा के कई जिलों में कोहरे के चलते विजिबिलिटी बहुत कम रही. हरियाणा मौसम विभाग (haryana meteorological department) ने आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड के साथ कोहरे के पड़ने की संभावना जताई है. मौसम विभान ने हरियाणा में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है.
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हरियाणा के दक्षिणी इलाकों में इस सीजन में गेहूं और सरसों की फसलें बड़े पैमाने पर होती है. नांगल चौधरी से लेकर रेवाड़ी और गुरुग्राम तक दक्षिणी हरियाणा के तमाम जिलों में इस सीजन में गेहूं और सरसों की फसल ही होती है. अच्छी बारिश और कोहरे से अब किसानों को खेतों में सिंचाई करने की जरूरत नहीं है. हालांकि आगामी दिनों में अगर बरसात के साथ ओलावृष्टि होती है तो फसलों को नुकसान होने का डर है लेकिन अभी पाला गिरने जैसी संभावना कम ही है.
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