पानीपत: जिले से टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा का प्रैक्टिस ग्राउंड आज बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर हो (Panipat Shivaji Stadium) रहा है. पानीपत के शिवाजी स्टेडियम की मौजूदा स्थिति की बात की जाए, तो यहां कच्चा ट्रैक है, बारिश के मौसम में पानी भर जाता है. ऐसी कई समस्याओं से ये स्टेडियम जूझ रहा है. स्टेडियम की ऐसी खस्ता हालत देखकर खिलाड़ियों का इस ग्राउंड तक में आने का मन नहीं करता है. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने यहां प्रैक्टिस के लिए आने वाले खिलाड़ियों से बात की.
बता दें कि पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में प्रैक्टिस कर नीरज चोपड़ा जैसे गोल्ड मेडलिस्ट प्लेयर विश्व भर में देश की एक पहचान बना चुके हैं. आज स्टेडियम का ग्राउंड अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. रोजाना स्टेडियम में सैकड़ों प्लेयर प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति है. शिवाजी स्टेडियम में लगभग 3 सालों से कोच भी सरकार द्वारा भेजे गए हैं. वहीं पिछले लंबे समय से इस स्टेडियम में एक सिंथेटिक रेस ट्रेक बनाने की मांग की जा रही थी, लेकिन शिवाजी स्टेडियम में बनने वाले रेस ट्रेक को पानीपत से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित सिवाह गांव के ग्राउंड में बना दिया गया है. जहां कोई भी खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं करना चाहता है.
शिवाजी स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आए खिलाड़ियों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है. इस स्टेडियम में स्थित कच्चा रेस ट्रेक पर सभी खिलाड़ी प्रैक्टिस करने को मजबूर है, तो वहीं बारिश के मौसम में पानी के जलभराव से रेस ट्रैक पर पानी भर जाता है और बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं. खिलाड़ियों का कहना है कि अगर वह ऐसे रेस ट्रैक पर प्रैक्टिस करते हैं, तो उन्हें गंभीर चोट लगने का खतरा बना रहता है. ऐसे में अगर गंभीर चोट लग गई, तो खिलाड़ियों का पूरा करियर तबाह हो सकता है. ऐसे में खिलाड़ियों ने शिवाडी स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रेक बनाने की मांग की है.
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