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अगले 50 सालों में भी पूरा नहीं हो पाएगा स्मार्ट सिटी का सपना- RTI - cmo

RTI के मुताबिक कुल 2,03,172 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को चार वर्षों में मात्र 7 फीसदी यानी 14,882 करोड़ रुपये ही केंद्र सरकार दे पाई. इस तरह तो अगले 50 साल में भी स्मार्ट सिटी का सपना पूरा नहीं हो पाएगा.

पीपी कपूर, RTI एक्टिविस्ट

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Published : Mar 27, 2019, 10:31 PM IST

पानीपत: आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने खुलासा किया है कि देशभर में कुल 100 स्मार्ट सिटी बनाने का पीएम मोदी का बहुचर्चित स्मार्ट सिटी मिशन दम तोड़ता नजर आ रहा है. आरटीआई के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है. पीपी कपूर के मुताबिक ये सच्चाई से ज्यादा जुमला दिख रहा है.

उन्होंने कहा कि कुल 2,03,172 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को चार वर्षों में मात्र 7 फीसदी यानि 14,882 करोड़ रुपये ही केंद्र सरकार दे पाई. इस मौके पर इस धनराशि का नाममात्र ही उपयोग हुआ. पीपी कपूर की मानेतो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जून 2015 में पूरे देश में 100 स्मार्ट सिटी के मिशन की घोषणा करने के बाद सरकार ये जानना भी भूल गई कि जमीनी स्तर पर कोई काम चल भी रहा है या नहीं.

पीपी कपूर, RTI एक्टिविस्ट

स्मार्ट सिटी करनाल की स्थिति:-
स्मार्ट सिटी करनाल के कुल 1211 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में से 50 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार ने व 53 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने दिए. इसमें प्रशासनिक व अन्य खर्चों पर 1.45 करोड़ रुपये किए गए. अभी तक करनाल में 12.52 करोड़ रुपये के चार प्रोजेक्ट अन्य विभागों के तालमेल से पूरे किए गए, 20.15 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट अन्य विभागों के तालमेल से चल रहे हैं, जबकि 125.60 करोड़ रुपये के कार्यों की निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. 349.63 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा रही है.

स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की स्थिति:-

कुल प्रोजेक्ट राशि 2458.58 करोड़ रुपये में से कुल 390 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. जिसमें से 196 करोड़ रुपये भारत सरकार ने और 194 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने दिए. इनमें से मात्र 28.59 करोड़ रुपये प्रोजेक्टस पर खर्च किए गए. जबकि 4.64 करोड़ रुपये प्रशासनिक औरअन्य खर्चों की राशि है.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के प्रमुख कार्य:-
प्रचुर जलापूर्ति, निर्बाध बिजली सप्लाई, स्वच्छता, ठोस कचरा प्रबंधन, सुचारू पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, विशेषत: निर्धन वर्ग के लिए सस्ते मकानों का निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, नागरिकों विशेषत: महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों की सुरक्षा, स्वच्छ प्रशासन, ई-गवर्नैंस, पर्यावरण सुरक्षा आदि.

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