पानीपत: आहिस्ता-आहिस्ता पूरे देश में जैविक खेती को लेकर किसानों में जागरूकता आ रही है. किसान जैविक खेती को अधिक महत्व दे रहे हैं. भारत व हरियाणा सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें जैविक खेती के लिए अलग-अलग प्रदेशों से ट्रेनर बुलाकर किसानों को ट्रेनिंग देने की योजनाएं भी बना रही है
पानीपत में जैविक खेती को लेकर कई किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा रहे हैं. हमारी टीम पानीपत के दरियापुर गांव में पहुंची. इस गांव के किसान वीरभान जैविक खेती करते हैं. वो गोभी, मटर, प्याज और गेहूं की जैविक खेती करते हैं. वहीं वो गोबर से बने बायो गैस का इस्तेमाल रसोई का चूल्हा जलाने के लिए भी करते हैं.
वीरभान ऐसे बनाते हैं गोबर गैस
वीरभान ने खेतों के पास ही एक बड़ी अंडरग्राउंड सील पैक टंकी बनाई है, जिसे फर्मनटेशन टैंक कहते हैं. फर्मनटेशन टैंक से लिंक एक छोटी टैंक जिसे इनलेट कहा जाता है, उसमें वो रोज अपने पालतु पशुओं का गोबर और पानी अंडर ग्राउंड टंकी कहते हैं. उसी से लिंक एक छोटी टंकी में मिलाते हैं.
गोबर और पानी मिक्स होकर फर्मनटेशन टैंक में जाता है. जहां गोबर सड़ कर गैस बनाता है और ये गैस टंकी से पाइप के जरिए रसोई तक पहुंचाई जाती है. इस गैस से चूल्हा एलपीजी गैस के जैसे ही जलता है. वहीं उस टैंक में सड़े हुए गोबर का इस्तेमाल वीरभान आउटलेट टैंक से निकाल कर खेतों में खाद के तौर पर लेते हैं. जिससे उनकी फसलों को अलग रासायनिक खादों की जरूरत नहीं पड़ती है.