पानीपत के सरकारी स्कूलों का रियलिटी टेस्ट पानीपत: पानीपत के कई सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी देखने को मिली. कहीं बच्चे जमीन पर पढ़ते दिखे तो कहीं स्कूल में एक ही शौचालय दिखा. उसी शौचालय का लड़के ,लड़कियां, शिक्षक उपयोग करते दिखे.
एक कमरे में तीन क्लास:हमारे संवाददाता सरकारी स्कूलों की स्थिति जानने के लिए पहले राजकीय प्राथमिक पाठशाला इनसार पहुंचे. वहां उन्होंने जो देखा वह बहुत चौंकाने वाला था. स्कूल का अपना भवन ही नहीं था. स्कूल एक मंदिर के प्रांगण में चल रहा था. जैसे तैसे शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे थे. जगह की कमी के कारण शोर इतना ज्यादा था कि शिक्षक भी अपने को बेबस पा रहे थे. उनका कहना था कि यहां का माहौल शोर शराबे का है जगह की कमी है. तीन क्लासें एक हॉल में लग रही है. हम पढ़ातें हैं बच्चों की शोर इतनी हो जाती है कि हमारी आवाज ही बच्चों तक नहीं पहुंच पाती है तो उनको समझ क्या आएगा.
एक ही शौचालय का करते उपयोग: शौचालय की स्थिति तो और बदतर है. स्कूल में एक ही शौचालय है जो ठीक है. उसी शौचालय में लड़के भी जाते हैं और लड़कियां भी. शिक्षक भी उसी शौचालय का उपयोग करते हैं. एक और शौचालय तो है लेकिन उसमें दरवाजा ही नहीं है. मजबूरन एक ही शौचालय में लड़के और लड़कियों को जाना पड़ता है.
जमीन पर बैठने को मजबूर बच्चे:हमारे संवाददाता एक और स्कूल की जमीनी हकीकत जानने के लिए गवर्मेंट प्राइमरी स्कूल, हरीनगर पहुंचे तो वहां की स्थिति भी खराब ही थी. क्लास रूम नहीं था बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करते दिखे. एक ही जगह पर अलग अलग कक्षा के बच्चे पढ़ते दिखे. कुछ बच्चे टीन के शेड के नीचे खुले में पढ़ाई कर रहे थे. सबसे हैरानी की बात यह दिखी कि जहां बच्चे पढ़ रहे थे ,वहीं मिड डे मिल योजना के तहत बच्चों के लिए खाना भी बन रहा था. सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था. अगर कोई हादसा हो जाए तो इन बच्चों को भगवान ही बचाए. इस स्कूल में भी मात्र एक शौचालय है. शिक्षक समेत सभी लड़के लड़कियां उसी शौचालय का उपयोगकरने के लिए मजबूर थे.
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