हरियाणा में फौजी भाईचारा ग्रुप जरूरतमंद लोगों की कर रहा मदद पानीपत: देश की सीमाओं पर सुरक्षा करने वाले जवान अब समाज सेवा में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. भारतीय सेना में ड्यूटी में तैनात 400 जवानों का ग्रुप अब गरीब अनाथ बेटियों की शादी और जरूरतमंद खिलाड़ी के सामान और खाने-पीने के सामान की मदद करते हैं. 2018 से यह खिलाड़ी अब तक करीब 600 गरीब परिवार की लड़कियों की शादी में सहयोग कर चुके हैं. इसके अलावा 30 जरूरतमंद खिलाड़ियों को जरूरत का सामान मुहैया करवा चुके हैं.
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कैसे करते हैं मदद?: हरियाणा के कई जिलों के रहने वाले फौजियों ने व्हाट्सएप पर फौजी भाईचारा ग्रुप बनाया है. इस ग्रुप में लगभग 400 फौजी शामिल हैं. इन फौजियों के पास किसी माध्यम से जरूरतमंद की सूचना पहुंचती है तो ये अपने परिवार के सदस्य या किसी मित्र की सहायता से उसकी जांच करवाते हैं कि वह जरूरतमंद है या नहीं. अगर व्यक्ति जरूरतमंद होता है तो ये फौजी ग्रुप बिना देरी किए उस परिवार की मदद करता है. इस ग्रुप का बैंक में ज्वाइंट अकाउंट है. सभी सदस्य हर माह अपनी सैलरी से इस अकाउंट में कुछ पैसे जमा करवाते हैं.
ETV भारत पर खबर देखने के बाद दिव्यांग खिलाड़ी मनीष की मदद करने पहुंचे ग्रुप के सदस्य. दहेज प्रथा के खिलाफ फौजी भाईचारा ग्रुप: इस ग्रुप को शुरू करने वाले रोहतक के 35 वर्षीय फौजी सचिन ने बताया कि ऐसी बेटियां जिनके पिता नहीं हैं यह ग्रुप उनकी मदद पहले करता हैं. विवाह में मदद के रूप में फौजी भाईचारा ग्रुप की ओर से शादी में आए मेहमानों के खाने पीने की व्यवस्था का खर्च परिवार को देते हैं. ग्रुप के सभी सदस्य दहेज प्रथा को एक कुप्रथा समझते हैं. इसलिए विवाह में कोई भी दहेज का सामान नहीं देते.
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- दिव्यांग एथलीट मनीष ने बताया कि रोहतक के फौजी भाईचारा ग्रुप ने मुझे डाइट का सारा सामान दिया है. पहले मेरे पास खेलने के लिए जरूरी सामान नहीं था. मेरी खबर ईटीवी भारत पर देखकर फौजी भाईचारा ग्रुप के सदस्य मेरे पास आये. उन्होंने खेल का जो भी जरूरी सामान है वो भी मुझे दिया. वो मेरी पूरी मदद कर रहे हैं.
30 से ज्यादा जरूरतमंद खिलाड़ियों की कर चुके हैं मदद: फौजी जवान सचिन ने बताया कि प्रदेश में 30 से ज्यादा खिलाड़ियों की मदद कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग ऐसे खिलाड़ियों की मदद करते हैं जो गरीब और जरूरतमंद हो. जरूरतमंद खिलाड़ियों के खेल का सामान, किट और डाइट का खर्च के ग्रुप के द्वारा दिया जाता है. तीस खिलाड़ियों में से अब तक 12 खिलाड़ी राज्य स्तर और नेशनल स्तर पर मेडल ला चुके हैं. सचिन ने बताया कि वह ईटीवी भारत पर 25 मई को दिखाई गई पानीपत के नौल्था गांव के दिव्यांग खिलाड़ी मनीष की खबर देख कर उस तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि फौजी भाईचारा ग्रुप ने मनीष को खेल का सामान मुहैया करवा दिया है. इसके साथ ही हर माह उसकी डाइट का खर्च भी उस तक पहुंचा दिया जाएगा.
हरियाणा में कई पहलवानों की भी कर रहा है फौजी भाईचारा ग्रुप. ये भी पढ़ें:हादसे में कट गए दोनों हाथ पर हौसला नहीं टूटा, पैरालंपिक में गोल्ड लाना इस दिव्यांग खिलाड़ी का है सपना
- झज्जर की रहने वाली दृष्टिहीन अर्चना ने कहा कि उसके दो बड़ी बहनों की शादी में फौजी भाईचारा ग्रुप ने पूरी मदद की है. शादी में जो भी मेहमान आये थे, उनके खाने-पीने से लेकर पूरा इंतजाम उन्होंने ही किया. उन्होंने सामान देने के लिए भी पूछा था लेकिन ससुराल वालों ने मना कर दिया. जिसके बाद उन्हें बिना दहेज की शादी करने पर सम्मानित भी किया गया है. अर्चना ने कहा कि फौजी भाईचारा ग्रुप मेरी पढ़ाई का भी पूरा खर्च उठा रहा है.
रोहतक के रहने वाले फौजी सचिन ने की थी इसकी शुरुआत. कैसे हुई शुरुआत?: रोहतक के बालंद गांव के सचिन ने बताया कि उनका जीवन गरीबी में बीता. सचिन के पिता ड्राइवर और माता सिलाई का काम करती थीं. सचिन ने कहते हैं कि, बड़ी गरीबी में माता-पिता ने हमारा पालन-पोषण किया. 19 वर्ष की आयु में ही सचिन फौज में भर्ती हो गए थे. उन्होंने 2018 में अपने बैच के 20 हरियाणा के फौजियों के साथ फौजी भाईचारा ग्रुप की शुरुआत की थी. यह ग्रुप दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला गया. ग्रुप में एक-एक करके आज करीब 400 फौजी जुड़ गए हैं. अब कई समाजसेवी लोग भी उनके साथ जुड़ रहे हैं. विदेशों में बैठे हुए युवा भी उनके ग्रुप में जुड़ कर जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं. सचिन ने बताया कि उनके द्वारा की गई मदद से गई खिलाड़ी ऐसे भी उभर कर सामने आए हैं जो आगे चलकर देश का नाम रोशन करेंगे.
फौजी भाईचारा ग्रुप में हरियाणा के 400 जवान. ये हैं ग्रुप के शुरुआती सदस्य: बता दें कि फौजी भाईचारा ग्रुप के शुरुआती सदस्यों में फौजी सचिन (बालंद, रोहतक), फौजी दीपक (बालंद, रोहतक), विक्रांत सांगवान (बलाली, चरखी दादरी), अमित सांगवान (बादल, चरखी दादरी), विकास बड़क (गरनावठी, रोहतक), नवीन नरवाल (रिनढाणा, सोनीपत), मनीष सांगवान (बलाली, चरखी दादरी), संजय जाखड़ (बिगोवा, चरखी दादरी), परदीप दांगी (बलियाली, भिवानी), राजेश (बाघोत, महेंद्रगढ़), मुकेश गौड़ (खेड़ीसाध, रोहतक), गुड्डू दलाल (डाबोदा, झज्जर), रविंद्र शेओरण (कांधडा, चरखी दादरी), मनोज लेघा (समसपुर, चरखी दादरी), सुमित (छोछि, झज्जर), जोती हुड्डा (चमारिया, रोहतक), अमित (झज्जर), भूपेंद्र सोरौत (सोन्ध, पलवल), सतीश गिल (प्योदा, कैथल) ऋषिपाल (पलड़ी, पानीपत), सुनील (सिवहा, पानीपत), युद्धवीर (राजाखेड़ी, पानीपत) शामिल हैं.