हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

पीएम मोदी से प्रेरित होकर पानीपत के भाई-बहन ने बेटियों को पहचान दिलाने के शुरू की खास मुहिम, हर कोई कर रहा तारीफ - haryana latest news

पानीपत में दो भाई-बहन मिलकर बेटियों को अलग पहचान दिलाने की मुहिम छेड़े हुए हैं. जिसके तहत पानीपत में एक हजार से ज्यादा घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई (initiative for Girls empowerment in Panipat) गई हैं. दोनों भाई-बहनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे से प्रेरित होकर ये मुहिम छेड़ी है. पढ़ें रिपोर्ट.

girls name plate panipat
girls name plate panipat

By

Published : Jan 30, 2022, 10:57 PM IST

पानीपत: जहां एक और सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत देश में बेटियों को बढ़ावा देने का काम कर रही है. वहीं पानीपत के ये भाई बहन मोहित (22) और शीतल (26) भी बेटियों को अलग पहचान दिलाने में जुटे हुए हैं. जिसके चलते ये भाई बहन बेटियों को पहचान दिलाने के लिए घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगाने (girls name plate panipat) का काम कर रहे हैं. दरअसल मां ने इकलौते बेटे से ज्यादा जब तीन बेटियों (कविता, सुमन और शीतल) को प्यार दिया, तो बेटी शीतल ने भी प्रेरित होकर समाज की अन्य बेटियों को पहचान दिलाने की सोची और इकलौते भाई मोहित के साथ मिलकर बेटियों को पहचान दिलाने के लिए घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगाना शुरू कर दिया.

शीतल (26) ने बताया कि उन्होंने इस अभियान की शुरुआत 2017 में की थी. शुरुआत में छोटे भाई मोहित के साथ मिलकर बेटियों को पहचान दिलाने की काम शुरू तो कर दिया, लेकिन मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण आर्थिक तंगी भी थी. जिसके बाद कॉलेज से पास होते ही शीतल प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लग गई. जिससे होने वाली कमाई का ज्यादातर हिस्सा अपनी इस मुहिम में खर्च करती थी. शीतल ने बताया कि शुरुआत में वो हर हफ्ते के रविवार को 5 से 6 घरों के सामने बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाती थी.

पीएम मोदी से प्रेरित होकर पानीपत के भाई-बहन ने बेटियों को पहचान दिलाने के शुरू की खास मुहिम, हर कोई कर रहा तारीफ

ये भी पढ़ें-हरियाणा की उन्नति हुड्डा ने ओडिशा ओपन जीत रचा इतिहास, सीएम ने भी दी बधाई

इसके लिए पहले उस परिवार से इस बारे में बातचीत कर उन्हें समझा-बुझाकर बेटियों के नाम की नई पहचान के साथ नेम प्लेट लगाने पर राजी करते थे. धीरे-धीरे उनके साथ युवा जुड़ते चले गए और अब लगभग बहुत से युवाओं के साथ जुड़कर ये कार्य कर रहे हैं. लगभग एख हजार से ज्यादा घरों के सामने वह बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगा चुके हैं. मोहित ने बताया कि एक प्लेट को बनवाने में लगभग 200 से 250 रुपये का खर्च आता है. पहले शीतल आपने ही इनकम से खर्च किया करती थी, लेकिन जिस तरह युवा जुड़ते गए तो अब सभी सदस्य इसमें अपना योगदान देते हैं.

घर पर नेम प्लेट लगाते शीतल और मोहित

बेटियों का भी मानना है कि पहले घरों के बाहर पिता, दादा या सरनेम की प्लेट लगी होती थी. अब उनके नाम की नेमप्लेट लगती है, तो उन्हें अच्छा लगता है कि बेटियों को भी बेटों के बराबर का दर्जा मिल रहा है. हर कोई अब भाई-बहन की सराहना कर रहा है. अपने इस कार्य के चलते इन दोनों भाई-बहनों को प्रशासन द्वारा और भारत सरकार द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है. शीतल और मोहित की इस पहल से पानीपत अपनी अलग पहचान बनाने लगा है. कहते है ना कि 'बेटी को जो दे शिक्षा और पहचान, वही माता-पिता है महान'.

ये भी पढ़ें-7 साल पहले पानीपत की धरती से पीएम ने देखा था बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का सपना, जानें कितना हुआ साकार

गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत से ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था. जिससे प्रेरित होकर दोनों भाई बहनों ने बेटियों को पहचान दिलाने के लिए एक नए अभियान की शुरुआत कर दी. शीतल और मोहित के अभियान से जहां महिलाएं अच्छा महसूस करने लगी हैं. वहीं पानीपत के अन्य लोग भी दोनों के इस काम की सराहना करने से नहीं चूक रहे हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details