पानीपत: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत थर्मल प्लांट पर 2.70 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल 11 दिसंबर 2017 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने पावर प्लांट को निर्देश दिया था कि यूनिट से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड को नियंत्रित करने के लिए 31 दिसंबर 2019 तक प्लांट में प्रेसीपीटेंट्स या एसपी लगाए जाएं. लेकिन 31 दिसंबर 2019 तक इस मामले में प्लांट ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने थर्मल प्लांट पर जुर्माना लगाया है.
कानपुर IIT की स्टडी पर शुरू हुई थी सख्ती
दिल्ली-एनसीआर में हवा की खराब होती गुणवत्ता पर कानपुर आईआईटी ने एक स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें थर्मल प्लांट को दिल्ली-एनसीआर में हवा की खराब होती गुणवत्ता का दूसरा सबसे बड़ा कारण बताया गया था. स्टडी रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए 11 दिसंबर 2017 को ऊर्जा मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ठीक करने के लिए कोयला आधारित प्लांट में 31 दिसंबर तक बदलाव लाने का समय दिया था.
इन मुद्दों पर काम करने का दिया गया था आदेश
- यूनिट 6, 7 और 8 से निकलने वाले पीएम की मात्रा को नियंत्रण करने के लिए 31 दिसंबर 2019 तक प्लांट में इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रेसीपीटेंट्स, एसपी लगाने या ठीक करें.
- यूनिट से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड को नियंत्रण करने के लिए तीनों यूनिट में 31 दिसंबर तक एफजीडी लगाया जाए.
- यूनिट से निकलने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड को नियंत्रण करने के लिए तुरंत बर्नर और अन्य उपकरण लगाए जाएं.