पंचकूला: संस्कृत भाषा संसार की प्राचीनतम और प्रथम भाषा है. संस्कृत को विश्व की अन्य भाषाओं की जननी माना जाता है और इसलिए हमारे देश में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास भी किए जा रहे है, जिसके चलते हरियाणा में पहला संस्कृत गुरुकुल बनने जा रहा है. हरियाणा सरकार और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के सहयोग से संस्कृत गुरुकुल बनाया जाएगा. इस गुरुकुल को लेकर श्राइन बोर्ड की सेक्रेटरी शारदा प्रजापति ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की तमन्ना है कि हम अपनी संस्कृति को बढ़ावा दें और वैदिक परंपराओं को भी आगे बढ़ाएं. ताकि आज की नई पीढ़ी नशा और बुरी आदतों से दूर रहे.
4 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से बनेगा गुरुकुल
वहीं संस्कृत गुरुकुल के आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि संस्कृत को बढ़ावा देने और गुरुकुल बनवाने के लिए हरियाणा सरकार से बात की गई. जिसके बाद उन्हें सरकार द्वारा परमिशन मिल गई और श्री माता मनसा देवी के पास ही सरकार ने संस्कृत गुरुकुल बनाने के लिए 6 कनाल जमीन दे दी गई है. उन्होंने बताया कि 4 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से पंचकूला में एक बेहद ही संस्कृत गुरुकुल बनकर तैयार होगा.
संस्कृत गुरुकुल का निर्माण इन्हीं नवरात्रों में शुरु होगा. जिसका भव्य निर्माण प्राचीन समय के संस्कृत गुरुकुल की तरह होगा. जब संस्कृत गुरुकुल बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां 200 के करीब छात्र रह पाएंगे. आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि जिस भी विद्यार्थी को संस्कृत गुरुकुल में दाखिला लेना होगा उस विद्यार्थी को कम से कम पांचवी और अधिकतम आठवीं कक्षा तक का ज्ञान को होना चाहिए.
देश के कई राज्यों से बच्चे संस्कृत भाषा का कर चुकें है अध्यन
आपको बता दें की इस समय पंचकूला के लक्ष्मी भवन में संस्कृत गुरुकुल चलाया जा रहा है जिसमें कई राज्यों के बच्चे अध्ययन कर रहे हैं. यहां ज्यादातर छात्र हिमाचल प्रदेश के हैं और यहां नेपाल से भी बच्चे संस्कृत भाषा का अध्यन करने आते है. आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि इस गुरुकुल में 9 राज्यों के विद्यार्थी इस समय गुरुकुल में अध्ययन कर रहे हैं. मौजूदा समय में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ प्रांतों के छात्र अध्यन इस समय पंचकूला में कर रहे हैं.
गुरुकुल में निशुल्क दी जाएगी बच्चों को शिक्षा