हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

लॉकडाउन से ऑटो चालकों पर आर्थिक संकट, हरियाणा के 1 लाख 47 हजार ऑटो चालक प्रभावित! - लॉकडाउन से ऑटो चालकों पर आर्थिक संकट

हरियाणा सरकार में कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन की वजह से गरीब, मजदूर और दिहाड़ीदार वर्ग के साथ-साथ ऑटो-रिक्शा चालकों पर ही आर्थिक संकट आन पड़ा है. हालात ये हैं कि हरियाणा के लाखों ऑटो चालकों के सामने अब एक वक्त के खाने का जुगाड़ कर पाना भी मुश्किल हो गया है. ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे ही एक ऑटो चालक से बातचीत की है.

ground report on problems of auto drivers in haryana during lockdown
हरियाणा के 1 लाख 47 हजार ऑटो चालक प्रभावित!

By

Published : Apr 8, 2020, 9:08 PM IST

चंडीगढ़/पलवलःकोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया हुआ है. ऐसे में देश में आर्थिक संकट की सबसे बड़ी मार अगर किसी पर पड़ रही है तो वो है गरीब तबका. इन्हीं में शामिल है दिन भर सड़कों पर सवारियां लेकर दौड़ने वाले ऑटो चालक. लाॉकडाउन के कारण सड़कों पर दौड़ने वाले ऑटो अब घरों के बाहर या फिर घरों के अंदर धूल फांक रहे हैं.

हरियाणा के लाखों ऑटो चालक परेशान!

हरियाणा में करीब 1 लाख 47 हजार ऑटो चालकों पर पड़ी इस मार को लेकर ईटीवी भारत की टीम भी उनके बीच पुहंची और उनसे बातचीत की. इस दौरान हमने देखा कि जो ऑटो चालक दिनभर सड़कों पर चक्कर लगाकर रोजाना करीब 600 से 800 रुपये कमाते हैं आज वो लॉकडाउन के चलते बेबस और लाचार हो गए हैं. क्योंकि कोरोना वायरस को लेकर लगे लॉकडाउन में लोगों का घरों से बाहर निकलना बंद हो गया है. केवल किसी जरूरी काम या एमरजेंसी में ही लोग अपने घरों से बाहर जा सकते हैं.

लॉकडाउन से ऑटो चालकों पर आर्थिक संकट, हरियाणा के 1 लाख 47 हजार ऑटो चालक प्रभावित!

'मुश्किल हुआ गुजर-बसर'

लॉकडाउन के चलते ऑटो ना चलने के कारण ऑटो चालकों और ऑटो मालिकों के परिवारों का गुजारा बेहद मुश्किल हालातों में हो रहा है. इन लोगों के पास अब जो जमा पूंजी थी वो भी खत्म हो चुकी है. ऐसे में ना तो उनके पास इतने पैसे हैं कि वो घर पर बैठे-बैठे राशन खरीद सके और ना ही उन्होंने कोई आर्थिक मदद पहुंच रही है. ऑटो चालकों के सामने खड़े इस संकट को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पलवल में ऑटो चलाने वाले ओम प्रकाश से बातचीत की. पलवल में ऑटो चलाने वाले 29 वर्षीय ओम प्रकाश बताते हैं कि वो भरतपुर जिला की कामा तहसील के रहने वाले हैं और करीब 3 साल पहले वो काम के सिलसिले में पलवल आए थे.

ये भी पढ़ेंःहरियाणा में लगभग 69 हजार कोविड संघर्ष सेनानी कर रहे हैं लोगों की मदद

'हालातों ने बनाया ऑटो ड्राइवर'

ओम प्रकाश बताते हैं कि वो ग्रेजुएट हैं लेकिन पेट की मार और हालातों ने उन्हें ऑटो चलाने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने बताया कि पलवल आने के बाद उन्होंने कुछ समय एक कंपनी में भी काम किया, लेकिन उससे भी घर का गुजर बसर ठीक से नहीं हो पा रहा था. जिसके बाद वो पिछले लगभग डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से ऑटो चला रहे हैं. ओम प्रकाश पलवल में लोकल रूट पर ऑटो चलाते हैं. वे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि से सवारियां लेकर शहर में अलग-अलग जगह जाते हैं.

'लॉकडाउन से जिंदगी खत्म सी हो गई है'

ऑटो चालक और के मालिक ओमप्रकाश ने बताया कि 'जब मैंने ये ऑटो खरीदा था तो मुझे बहुत खुशी थी कि मैं अब अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर पाउंगा. लॉकडाउन से पहले सब अच्छा चल रहा था रोजाना करीब 800 रुपये तक बचत हो रही थी. इसके अलावा ऑटो की किस्ते भी समय पर भर रहे थे, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन हुआ तुरंत ही जिंदगी खत्म सी हो गई. परिवार में मैं और मेरी पत्नी है जिनके खाने-पीने के लिए जुगाड़ मुश्किल से हो रहा है.

'ना तो जमा पूंजी है और ना ही कोई आर्थिक मदद'

ओमप्रकाश पलवल के शेखपुरा के एक छोटे से कमरे में किराए पर रह रहे हैं. जिसका किराया भी 3हजार प्रति महीना हैं. ओमप्रकाश की पत्नी का कहना है की ऑटो खड़ा होने के बाद यानी लॉकडाउन के कारण उनके पास ना तो इतनी जमा पूंजी है कि वो लॉकडाउन में आराम से राशन खरीद सकें और ना ही कोई आर्थिक मदद मिल रही है.

ये भी पढ़ेंःहरियाणा में कैसे और कब-कब बढ़े कोरोना वायरस के मामले

'लॉकडाउन खुलने का है इंतजार'

ओम प्रकाश की पत्नी ने बताया कि घर के खर्चों में भी कटौती करने के बाद बड़ी मुश्किल से गुजारा हो रहा है. उन्होंने बताया लॉकडाउन लगने के बाद से घर में सब्जी है, न राशन भी लगभग खत्म हो चुका है. ऐसे में वो बस घरों में बैठे लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details