नूंहः गर्भवती दादी की हत्या के जुर्म में अदालत ने आरोपी पोते को उम्रकैद की सजा सुना दी है. अदालत ने आरोपी पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है.
सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को भौंडसी जेल भेज दिया गया. वहीं इस केस में तीन अन्य आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया.
कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा पूरा मामला
मामला 2016में नगीना थाना क्षेत्र के बुखारका गांव का है. जहां पुन्हाना उपमंडल के बिसरू गांव की साहूनी की शादी 10 साल पहले बुखारका गांव के अब्दुल मजीद पुत्र छोटेलाल के साथ हुई थी. अब्दुल मजीद की साहूनी के साथ ये दूसरी शादी थी. अब्दुल मजीद की पहली पत्नी से पुत्र व पोते भी हैं.
कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा फरसे से किया था अपनी ही दादी पर वार
साहूनी के साथ शादी के बाद उसकी तीन लड़कियां हुई. तीन लड़कियां होने के बाद साहूनी करीब 8 माह की गर्भवती थी. शादी के बाद से साहूनी के साथ ससुराल पक्ष द्वारा कई बार मारपीट भी की गई. इसी दौरान एक दिन 16 मई 2016 को दोपहर 2 बजे मारपीट करते हुए अब्दुल मजीद के पोते मतीन ने फरसे से गर्भवती साहूनी की हत्या कर दी.
हत्या के जुर्म में कई और भी थे पुलिस के शिकंजे में
साहूनी को मौत के घाट उतारने के बाद उसके गर्भ में पल रहा बच्चा भी मर गया. इस मामले में साहूनी के परिजनों ने मृतक साहूनी के ससुराल पक्ष के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. हत्या के जुर्म में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
ढाई साल बाद आरोपी को उम्रकैद
करीब ढाई साल से चल रहे इस केस में 2 मार्च 2019 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमुद गुगनानी की अदालत ने आरोपी अब्दुल मजीद, सलीम व शहनाज को बरी कर दिया. जबकि 5 मार्च 2019 को अदालत ने आरोपी पोते मतीन को दोषी ठहराते हुए अदालत ने उम्रकैद व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुना दी.