सिंगार गांव में हार्ट अटैक से हुई थी बुजुर्ग की मौत, ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाया था आरोप नूंह:हरियाणा के नूंह में सिंगार गांव के एक बुजुर्ग की मौत की वजह सामने आई है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में पता चला है कि जिले के सबसे बड़े गांव सिंगार में अब्दुल जब्बार नामक के बुजुर्ग की मौत पुलिस पिटाई से नहीं बल्कि हार्ट अटैक की वजह से हुई. पुलिस के आला अधिकारियों, स्थानीय राजनेताओं और सिंगार गांव के ग्रामीणों के बीच इस बात को लेकर सहमति बन गई है. जानकारी मिली है कि अब बिना कानूनी कार्रवाई के मृतक जब्बार को सुपुर्दे खाक किया गया है. जिसके बाद हिरासत में लिए गए 11 लोगों में से 6 को पुलिस ने छोड़ दिया है.
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बातचीत के दौरान यह समति बनी है कि किसी को भी नाजायज तरीके से तंग नहीं किया जाएगा. किसी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही इलाके के लोगों ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि जो लोग संदिग्ध हैं या उन जिनके नाम से केस दर्ज है, उनके नामों की सूची बनाकर जिम्मेदार लोगों को दें. वह ऐसे लोगों को पकड़वाने में पुलिस की मदद करेंगे या फिर उनके घरों को चिन्हित कर पुलिस को बताने का काम करेंगे. वहीं, जिस तरीके से इलाके में पुलिस रेड कर रही है, उससे लोग खौफजदा है और खेतों में या पहाड़ों में रात बिताने को मजबूर हैं.
कुल मिलाकर पुलिस के अधिकारियों ने भी भरोसा दिया है कि किसी व्यक्ति को तंग नहीं किया जाएगा और जो भी दंगा भड़काने का दोषी होगा उसे हर हालत में गिरफ्तार किया जाएगा. दूसरी तरफ गांव के लोगों ने आरोप लगाया था कि पुलिस पिटाई की वजह से अब्दुल जब्बार की जान गई है. तड़के करीब 4 बजे पुलिस सिंगार गांव में छापेमारी करने गई थी और अलग-अलग मोहल्ले से कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया था.
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अब सिंगार गांव का विवाद आपसी सहमति से सुलझ गया है. जो लोग हिरासत में लिए गए हैं, उनकी सीसीटीवी के आधार पर जांच की जाएगी. अगर दोषी होंगे तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और अगर निर्दोष पाए गए तो किसी को बेवजह तंग नहीं किया जाएगा. पुनहाना विधानसभा के विधायक मोहम्मद इलियास एवं पूर्व विधायक रहीसा खान भी इस मामले में सिंगार गांव के लोगों के साथ पिछोर थाना में पहुंचे और काफी देर पुलिस अधिकारियों हेमेंद्र मीणा आईपीएस तथा अशोक कुमार डीएसपी से मुलाकात करने के बाद मामले में सुलह हो गई.