नूंह: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (russia ukraine war) दूसरे दिन भी जारी है. इस युद्ध की वजह से हरियाणा के करीब दो हजार छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. जिनमें नूंह के 60 से 70 बच्चे (nuh students trapped in ukraine) शामिल हैं. ये सभी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए हैं. कुछ लोग इनमें ऐसे भी हैं जो यूक्रेन में रोजगार के लिए गए हैं. अब ये सभी लोग यूक्रेन में फंसे हैं.
ऐसे में कांग्रेस विधायक आफताब अहमद से दर्जनों परिवारों ने मुलाकात कर उनके बच्चों को वतन वापसी लाने की गुहार लगाई है. नई गांव नूंह के मोहम्मद इरसाद पुत्र तैयब हुसैन पिछले 4 साल से यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. 24 फरवरी को उसकी वतन वापसी की फ्लाइट का टिकट था, उसी दौरान एयरपोर्ट पर ब्लास्टिंग की वजह से हवाई अड्डा बंद हो गया. इसी वजह से हवाई जहाज की उड़ान बंद हो गई. जिसकी वजह से इरसाद अपने वतन नहीं आ पाए.
मदद के लिए भारत की एंबेसी छात्र गए थे. जिनको सुरक्षित रखने के लिए प्राइवेट स्कूल में शिफ्ट किया गया है. इनमें नूंह के करीब 10 बच्चे (nuh students in ukraine) मौजूद हैं. कुछ बच्चे मेट्रो बेसमेंट तो कुछ कॉलेज में फंसे हुए हैं. बच्चे और परिजन दोनों आपस में संपर्क बनाए हुए हैं. दोनों की लगातार फोन और व्हाट्सएप के जरिए बातचीत हो रही है. यूक्रेन में फंसे नूंह के छात्रों ने बताया कि उनके लिए खाने पीने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं.
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को ऐसे बच्चों की सूची तैयार कर उन्हें जल्द से जल्द अपने वतन सुरक्षित लाना चाहिए, ताकि उनके परिवारों की टेंशन खत्म हो सके. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच हालात बेहतर नहीं थे. सरकार को उसी समय पढ़ाई कर रहे बच्चों को वापस बुला लेना चाहिए था, लेकिन कहीं ना कहीं इसमें चूक रही है.