नूंह:वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण देशभर में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है. स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद हैं और इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेस लगाई जा रही हैं. लेकिन बात अगर हरियाणा के नूंह जिले की हो, तो वहां अभी भी ऑनलाइन एजुकेशन ज्यादातर छात्रों के लिए महज सपना ही है.
इसी को देखते हुए नूंह शिक्षा विभाग ने 'मोहल्ला पाठशाला' जैसे अनोखे तरीके को ढूंढ निकाला है. अब गांव के ही पढ़े लिखे युवा छोटे-छोटे बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मुहैया करवा रहे हैं. जिन्हें शिक्षा दूत का नाम दिया गया है.
मेवात का ये शिक्षा मॉडल एक नंबर है, 4500 बच्चों को ऐसे मिल रही फ्री शिक्षा मोहल्ला पाठशाला में शिक्षा दूत
मोहल्ला पाठशाला के दौरान सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाता है. एक सत्र में तकरीबन 15 छात्रों को पढ़ाया जाता है. इन छात्रों को शिक्षा देने वाले शिक्षा दूत ये ध्यान रखते हैं कि कोरोना महामारी से बचते हुए बच्चों तक शिक्षा पहुंचाई जाये. इस काम को करने के लिए उन्हें भले ही पैसे ना मिल रहे हों, लेकिन समाज के लिए कुछ करने का अहसास उन्हें गौरवान्वित करता है.
4500 बच्चों को मिल रही फ्री शिक्षा
मोहल्ला पाठशाला की बात करें तो जिला शिक्षा अधिकारी अनूप जाखड़ के मुताबिक जिले के 125 गांव में 230 मोहल्ला पाठशाला चलाई जा रही हैं. जिनमें 246 शिक्षा दूत नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं. इनमें तकरीबन 113 लड़कियां शिक्षा दूत का काम कर रही हैं. डीईओ के मुताबिक जिले भर में मोहल्ला पाठशाला के माध्यम से तकरीबन 4500 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.
अपने टीचर-अपने बच्चे, सारे सपने होंगे सच्चे!
कोरोना काल में जिस तरीके से नूंह में शिक्षा दी जा रही है वो बेहद सराहनीय है. जिला प्रशासन की ये पहल पूरे हरियाणा में तारीफें बटोर रही है. कुल मिलाकार नूंह जिले में भले ही कोरोना ने शिक्षा प्रणाली की कमर तोड़ दी हो, लेकिन मोहल्ला पाठशाला छात्र-छात्राओं को खूब रास आ रही है और कोरोना के इस अंधेरे में उजियारे की वो किरण बन रही है जो शिक्षा की अलख जगाए रखने में मदद करती है.
ये भी पढे़ं-नूंह: कितनी कारगर हरियाणा सरकार की ऑनलाइन शिक्षा देने की योजना ? देखें ये रिपोर्ट