नूंह: हरियाणा का नूंह जिला सूबे में सरसों उत्पादन में दूसरे पायदान पर है. सरसों की आवक अनाज मंडियों में शुरू हो चुकी है. जिससे सुनी पड़ी अनाज मंडी अब गुलजार होने लगी हैं. किसानों के दर्जनों ट्रैक्टर रोजाना सरसों की फसल से भरकर पुन्हाना अनाज मंडी में पहुंच रहे हैं. अनाज मंडी पुन्हाना में सरसों तथा गेहूं की फसल की आवक को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. किसानों के लिए पानी से लेकर, ठहरने, शौचालय इत्यादि के सभी इंतजाम पुख्ता किए गए हैं.
बीते साल की तुलना में इस साल ना तो बंपर पैदावार हुई है और ना ही फसल के उचित दाम मिल रहे हैं. जिससे किसानों में कुछ मायूसी जरूर देखने को मिल रही है. अभी तक प्राइवेट खरीद अनाज मंडियों में हो रही है. सरकारी खरीद इस महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद की जा रही है. जानकारी के मुताबिक रोजाना 250 से 300 गेट पास प्रतिदिन बन रहे हैं. 3 से 4 हजार क्विंटल सरसों की फसल की पुन्हाना अनाज मंडी में हो रही है.
अब तक 15000 क्विंटल सरसों की फसल खरीद ली गई है. इस बार विभाग का लक्ष्य है कि 50000 क्विंटल सरसों की खरीद की जाए. अगर बात दाम की करें तो सरसों की फसल 4200 से 5300 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रही है. जबकि बीते साल 86000 क्विंटल सरसों पुन्हाना अनाज मंडी में आई थी. तकरीबन 7000 से 7200 रुपये क्विंटल के भाव किसानों को दिए गए थे. किसानों के मुताबिक साल दर साल फसल पर लागत बढ़ रही है.
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जितने दाम फसलों के मिलने चाहिए, उतने उनको मिल नहीं रहे हैं. इसलिए किसान की आय दोगुनी होती हुई दिखाई नहीं दे रही है. खास बात ये है कि बीते साल की तुलना में ना तो इतनी बंपर पैदावार दिखाई दे रही है और ना ही भाव मिल पा रहे हैं. अपनी आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए किसान धड़ल्ले से प्राइवेट कंपनियों को अपनी सरसों बेचने पर मजबूर हो रहे हैं. जहां तक लैब का मामला है, तो अभी तक अनाज मंडी पुन्हाना में अपनी कोई लैब नहीं है. मार्केट कमेटी के अधिकारियों के द्वारा उच्च अधिकारियों को इस बारे में लिखा जा चुका है. स्टाफ की स्थिति जरूर सुधरी हुई दिखाई दे रही है.