नूंह: हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद अब क्षेत्र में अमन-चैन कायम करने के लिए प्रशासन ने पहल की शुरुआत कर दी है. इस पहल की शुरुआत रविवार, 6 जुलाई को सिंगार गांव से की गई थी. वहीं, सोमवार को पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया और जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा तावडू नगर में पहुंचे. जहां के सदर और शहर थाने में वह दोनों समुदायों के लोगों से रूबरू हुए. दोनों अधिकारियों ने क्षेत्र के लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग मांगा. वहीं, इस क्षेत्र में बाजार खोलने को लेकर भी सहमति बन गई है.
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बैठक के दौरान उपस्थित सभी समुदाय के लोगों से पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया ने कहा कि, सिर्फ शांति व्यवस्था बनाने में प्रशासन का सहयोग करें. हिंसा के उपद्रवियों से निपटने में पुलिस खुद सक्षम है. उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लगभग सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है. उनके ठिकानों पर अलग-अलग टीमें दबिश दे रही हैं. किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा. उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों को बिल्कुल घर छोड़ने की जरूरत नहीं है. पुलिस सिर्फ उपद्रवियों पर ही शिकंजा कसेगी. उन्होंने कहा कि, जांच में सामने आया है कि युवा वर्ग सोशल मीडिया से सबसे ज्यादा प्रभावित था, जो हिंसा का मुख्य कारण बना. उन्होंने कहा कि लोगों के साथ बैठक करने का उद्देश्य यही है कि ऐसे भ्रमित युवाओं को सोशल मीडिया पर अनर्गल कमेंट और विवादित पोस्ट डालने से बचाया जाए.
दोनों समुदायों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए प्रशासन जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है. उन्होंने कहा कि, मात्र कुछ ही भ्रमित युवाओं ने माहौल खराब किया था. लेकिन, फिलहाल शांति व्यवस्था बनाना ही दोनों समुदाय के लिए एकमात्र समाधान है. वहीं, उन्होंने जिले में जारी तोड़फोड़ अभियान पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक पर कहा कि यह कोर्ट का आदेश है. इसे लागू कर दिया गया है. जिले के पिनगवां, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका में बाजार को लेकर स्थिति सामान्य होने जा रही है. बैठक में लोगों ने तावडू बाजार को खोलने के लिए सहमति जता दी है.