नूंह:राजकीय शहीद राजा हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की जड़ें दीमक की तरह फैलती जा रही हैं. छोटी-छोटी नौकरियों में भी यहां बड़ा लेनदेन होता रहा है. इसको लेकर कई बार शिकायते भी की गई लेकिन ये भी लेनदेन कर दबा दी गई. वहीं कुछ शिकायतें चंडीगढ़ में बैठे बाबू और अधिकारियों ने दबा दी.
'गब्बर' के महकमे में भ्रष्टाचार!
'गब्बर' के महकमे में मोटी कमाई के चक्कर में नियमों का खूब मखौल उड़ा और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. नौकरी, ठेका, दवाई खरीद से लेकर हर काम में गबन की खबरें आती रही हैं, लेकिन कोई गंभीर दिखाई नहीं दिया. आरटीआई कानून का भी खूब मखौल उड़ा. समय पर जानकारी नहीं दी गई, दी गई तो आधी अधूरी जानकारी दी गई.
नूंह के मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार जिसने शिकायत की उसे नौकरी से निकाला
जिसने भी इस भ्रष्टाचार के मकड़जाल के खिलाफ अपनी जुबान खोली उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा. गबन के पर्चे भी दर्ज हुए, लेकिन लेनदेन कर सबको निपटा दिया गया. मेडिकल कॉलेज नल्हड में करीब 5-6 साल नौकरी करने वाले युवक अनीस अहमद और उसके परिजनों ने आरटीआई से टेंडर की जानकारी मांगी तो उसे भी नौकरी से निकाल दिया गया.
आरटीआई में भ्रष्टाचार का खुलासा
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक टेंडर में जो शर्ते थी, उसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन मोटे लेनदेन की वजह से अनदेखा कर मनमानी करता रहा. ठेकेदारों के साथ मिलकर सुरक्षा गार्ड लिमिट से ज्यादा लगाए गए. लाखों रुपये हर माह वेतन ज्यादा लिया गया. उसे मिल बांटकर खाते रहे. नियुक्तियों में उम्र का कोई ख्याल नहीं रखा गया. नौकरी में रिश्वत ली गई. बहुत सारी खामियां मेडिकल कॉलेज में आरटीआई में सामने आई हैं.
विधानसभा में उठ सकता है भ्रष्टाचार का मुद्दा
आरटीआई कार्यकर्ता अनीस अहमद ने एसपी संगीता कालिया से लेकर एसीएस चंडीगढ़ तक लिखित शिकायत देकर निदेशक, एमएस सहित डॉक्टरों, ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है. अभी तक उसकी शिकायत पर कोई अमल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन विधायक आफताब अहमद के आरटीआई कार्यकर्ता के सुर में सुर मिलने से उसकी शिकायत में जान पड़ गई है. इसके साथ ही आफताब अहमद ने इस बात को विधानसभा सत्र में उठाने की बात की है.
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भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सरकार की निकलती हवा!
अगर मनोहर सरकार में मेडिकल कॉलेज नल्हड प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो विधानसभा में भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोरशोर से उठाकर बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की हवा निकाल सकती है. शिकायतकर्ता के मुताबिक ठेकेदारों से साज बाज होकर गार्ड भर्ती के लिए बनाई गई कमेटी में बहुत से लोग शामिल हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.